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नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के राजीनामा के आधार पर हुआ प्रकरणों का निपटारा..सारंगढ़ के न्यायालीन परिसर में की गई थी निःशुल्क चिकित्सा सहित अन्य व्यवस्था...

नेशनल लोक अदालत, जो इस बार विशेष हाईब्रीड लोक अदालत के रूप में वर्चुअल एवं फिजिकल दोनों माध्यमों से जिला न्यायालय रायगढ़ सहित तहसील न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ एवं खरसिया में आयोजित किया गया। जिला एवं तहसील न्यायालयों को मिलाकर कुल 20 खण्डपीठों का गठन किया गया। श्रम न्यायालय एवं किशोर न्याय बोर्ड हेतु पृथक खण्डपीठ का गठन किया गया। राजस्व न्यायालयों में कुल 30 खण्डपीठों का गठन किया गया।

जिला एवं तहसील न्यायालयों में विभिन्न प्रकृति के राजीनामा योग्य मामले जैसे-मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक वसूली के प्रकरण, आपराधिक मामले, विद्युत मामले, श्रम विवाद, पारिवारिक विवाद, चेक अनादरण, सिविल मामले के साथ-साथ इस बार आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं अन्य छोटे अपराधों के मामले, जिसमें यातायात उल्लंघन के मामलों को भी शामिल करते हुए खण्डपीठों में लंबित प्रकरण 3036 एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरण 7037 को राजीनामा के आधार पर निराकरण हेतु लोक अदालत में रखा गया।

रखे गये कुल 10073 प्रकरणों में से लंबित 1705 एवं प्रीलिटिगेशन 257 प्रकरण निराकृत हुये। इस प्रकार कुल 1962 प्रकरणों का निराकरण, जिला न्यायालय, परिवार न्यायालय, श्रम न्यायालय, किशोर न्याय बोर्ड, रायगढ़ एवं तहसील स्थित व्यवहार न्यायालय सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ एवं खरसिया न्यायालय में राजीनामा के आधार पर किया गया और उन प्रकरणों के अंतर्गत कुल 2 करोड 84 लाख 86 हजार 693 रूपये का सेटलमेंट हुआ।

राजस्व न्यायालयों में खातेदारों के मध्य आपसी बंटवारे के मामले, वारिसों के मध्य बंटवारे के मामले, कब्जे के आधार पर बंटवारा के मामले, दण्ड प्रक्रिया संहिता 145 के कार्यवाही के मामले, विक्रयपत्र/दानपत्र/वसीयतनामा के आधार पर नामान्तरण के मामले एवं शेष अन्य प्रकृति के कुल 3488 मामले रखे गये जिनमें से 3419 मामलों का निराकरण आज की लोक अदालत में राजस्व न्यायालय की गठित कुल 30 खण्डपीठ द्वारा किया गया।

राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण के अतिरिक्त इस हाईब्रीड लोक अदालत में विशेष यह रहा कि विशेष मजिस्ट्रेट की बैठक द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-321, धारा-258 के अन्तर्गत एवं अन्य छोटे मामलों का जिसमें धारा 188 भा.द.सं. के अन्तर्गत वापसी के प्रकरण और आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के मामलों को शामिल कर, उनका भी निराकरण किया गया। विशेष मजिस्ट्रेट की बैठक द्वारा संपूर्ण जिला एवं तहसील न्यायालयों में कुल 1303 प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया जिसमें से 1180 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

नेशनल लोक अदालत में राजीनामा हेतु न्यायालय में आने वाले पक्षकारों के लिये कोविड संक्रमण से बचाव हेतु सेनिटाइजर एवं मास्क की सुविधा उपलब्ध कराई गई। न्यायालय परिसर में जगह-जगह पीने के पानी की व्यवस्था की गई। समग्र यात्री जन कल्याण एवं सेवा समिति, रायगढ़ तथा समस्त बस आपरेटरों के द्वारा लोक अदालत में आने वाले पक्षकारों को न्यायालय के माध्यम से मुहर लगी नोटिस दिखलाये जाने पर उन्हें नि:शुल्क बस सेवा सुविधा उपलब्ध कराई गई। मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी रायगढ़ की ओर से जिला रायगढ़, सारंगढ़, घरघोड़ा, धरमजयगढ़ एवं खरसिया के न्यायालयीन परिसर में नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा एवं कोविड टीकाकरण (प्रथम एवं द्वितीय डोज) की भी व्यवस्था की गई थी। जिसमें विशेषकर वृद्धजनों के स्वास्थ्य की जॉच की गई व नागरिकों द्वारा कोविड-19 टीकाकरण का लाभ भी लिया गया।




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