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धर्मांतरण भ्रष्टाचार और नक्सलवाद के विरुद्ध शुरू से ही लामबंद रहे गणेश राम भगत को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने की पुष्टि हुई है

जशपुरनगर। धर्मांतरण भ्रष्टाचार और नक्सलवाद के विरुद्ध शुरू से ही लामबंद रहे गणेश राम भगत को वाई प्लस सुरक्षा दिए जाने की पुष्टि हुई है जिससे उनके प्रति चिंता करने वाले समर्थको में उत्साह है। उल्लेखनीय है कि गणेश राम भगत नक्सलवाद भ्रष्टाचार और धर्मांतरण के विरुद्ध प्रारम्भ से ही मुखर रहे हैं और लगातार संघर्ष करते रहें हैं।

अखिल भारतीय जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक का दायित्व मिलते ही गणेश राम भगत देश के 10 करोड़ जनजातिय समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और दायित्व सम्भालते ही उन्होंने अपना दौरा शुरू कर दिया और सबसे पहले घोर नक्सल प्रभावित जिले बस्तर के दौरे पर पहुँचे जहां उन्होंने खुले मंच से नक्सली और धर्मान्तरण करने वाली शक्तियों को चुनोती देते हुए कहा कि बस्तर में नक्सली और मिशनरियों की सांठ गांठ है, जिसके कारण ही बस्तर सुलग रहा है । भगत के इस बयान के बाद प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर हल्ला बोल शुरू हो गया जो अभी भी निरन्तर जारी है ,इसी बीच श्री भगत का दौरा देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश हुआ है चुनाव से पूर्व जनजातिय समाज को साधने हेतु भगत के इस दौरे को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जा रहा है ।

भगत की सक्रियता को देखते हुए तथा नक्सल और अन्य चुनोतियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इसे गम्भीरता से लिया है और उनकी सुरक्षा की समीक्षा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गणेश राम भगत को सीआईएसएफ की सुरक्षा देने का निर्णय किया है। और इस हेतु सीआईएसएफ की बटालियन नागपुर से सीआईएसएफ के 10 कमांडो जशपुर के लिए रवाना भी कर दिया गया है ।

सम्भवतः कल ये कमांडो गणेश राम भगत के आवास बाकी टोली जशपुर पहुचेंगे ,चूंकि भगत वर्तमान में उत्तरप्रदेश के महत्वपूर्ण दौरे पर है इसलिए उनके जशपुर वापस पहुँचते ही कमांडों उन्हें अपने सुरक्षा घेरा में ले लेंगे। सम्भवतः छतीसगढ़ प्रदेश में सबसे बड़े सुरक्षा घेरे में रहने वाले प्रथम व्ही आई पी होंगे। उत्तरप्रदेश चुनाव के पूर्व अखिल भारतीय जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत के उत्तरप्रदेश सीमा बम्हनी सोनभद्र पहुँचते ही कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। होर्डिंग और फ़ोटो लगाकर किया भव्य स्वागत किया।




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