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जनपद पंचायत पिथौरा की लापरवाही से सचिव उत्तर कुमार प्रधान को हुई जेल !

ये मामला महासमुन्द जिला के पिथौरा जनपद पंचायत के अंतर्गत जगदीशपुर है। एक अपराध, जिसे सचिव ने नहीं किया। उसके लिए जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा। सचिव उत्तर प्रधान ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि जनपद पंचायत के अधिकारियों द्वारा आरोप लगया गया है। वह पूरी तरह से झूठा हैं मुझे जबर्दस्ती फसाया गया है। वर्तमान जांच में जिस आधार पर एफआईआर दर्ज किया गया हैं। उस दस्तावेज पर मेरा कही भी हस्ताक्षर नही है। ना ही मैने राशि का आहरण किया हैं।जबकि मुझे जिला पंचायत ने 26/09/2016 को ग्राम पंचायत जगदीशपुर के प्रभार से तत्काल निलंबित किया गया। 

आरोप पत्र 1 में ग्राम पंचायत जगदीशपुर में वर्ष 2016-17 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निमार्ण की राशि निकालने हेतु ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति प्रस्ताव में 520000.00 रू. भुगतान किया गया है। लेकिन रोकडबही में उक्त प्रस्ताव के आधार पर राषि 699850.00 रू. भुगतान किया गया है। जबकी मुझे 29/09/2016 को निलंबित किया गया और मैने श्रीमान अनुविभागीय अधिकारी पिथौरा को 623136 रू. ग्राम पंचायत जगदीशपुर के शौचालय निर्माण के लिये भुगतान की जानकारी 3/10/2016 को किया है, इतना होने के बाद मैने अपना जवाब पेस कर बहाल हो गया और मुझे जनपत पंचायत पिथैरा आदेश क्र0- 707 दिनांक 07/03/2019 को अन्य ग्राम पंचायत में पदभार दिया गया। 

सचिव उत्तर प्रधान ने बताया कि इसके बाद अचानक ही दिसम्बर 2020 में मेरे विरुद्ध शौचालय निर्माण में गबन का आरोप लगा कर पिथौरा जनपद सीईओ प्रदीप प्रधान द्वारा एफआईआर दर्ज करा दिया गया। जबकि अभी के शिकायत पर जांच में जिस आधार पर एफआईआर किया गया है उस आधार से बैंक का एस्टीमेट से 15 दिसंबर 2016 से 12 लाख 60 हजार रुपये ग्राम पंचायत जगदीशपुर के खाते में आये हैं।जबकि मुझे 26/09/2016 को ही निलंबित किया गया था। और मैने अपना जवाब पेस कर चुका था और उसी आधार पर बहाली हो कर दूसरा ग्राम पंचायत संभाल रहा था। लेकिन 2020 में जांच किया गया जिसमें कई सारे दस्तावेजो में मेरा एक भी हस्ताक्षर नही है। फिर भी मुझे फसाया गया। जबकि उस समय मे पंचायत प्रस्ताव एवं चेक और भी दस्तावेजों में सरपंच के साथ सचिव धनसिंह चौहान एवं महेश नाग का हस्ताक्षर है लेकिन सरपंच के साथ सचिव में महेश नाग और उत्तर कुमार प्रधान पर ही एफआईआर हुआ है। और धनसिंग चौहान को बाइज्जत बलि जनपद पंचायत के अधिकारियों ने किया है। वही वर्तमान में जनपद पंचायत पिथौरा द्वारा मुझे ना ही निलंबित कर रहे हैं और ना ही मेरा महीनों से वेतन जीवन भत्ता नही दिया जा रहा है। जिससे मेरा घर चलाना मुश्किल हो गया है। जिससे मै आत्महत्या करने की विवष में हु। जिसकी सम्पुण जवाबदेही प्रशासन की होगी।




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