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पेण्ड्रा नगर को संवारने कई वर्षों से लगे हैं समाजसेवी हर्ष छाबरिया...

गौरेला पेण्ड्रा मरवाही: स्वच्छता..पर्यावरण संरक्षण का एक अंग है ! स्वच्छ रहकर हीं स्वस्थ जीवन की कल्पना की जा सकती है ! इसी तर्ज पर तालाब हमारी धरोहर और शहर को स्वच्छ बनाने बनाने का बीड़ा उठाया है पेण्ड्रा के समाजसेवी हर्ष ने जो शहर के ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताओं वाली जगहों को संवारने के लिए संकल्पित नजर आते है वही यह अभियान बीते छः सालों से चलाया जा रहा है जिसके लिए हर्ष छाबरिया एवं उनकी पूरी टीम प्रतिबद्ध है जो लगातार निःस्वार्थ सेवा भाव से सार्वजनिक जगहों के सफाई का बीड़ा उठाये हुए है .

ऐतिहासिक और क्षेत्र का सबसे पुराने हाई स्कूल की सफाई :-
यह बहुत हर्ष का भी विषय है कि पेण्ड्रा शहर का सबसे पुराना विद्यालय अपने आप मे काफी महत्व रखता है यह वही विद्यालय है जहाँ से अजित प्रमोद जोगी , मथुरा प्रसाद दुबे जैसी महान विभूतियां निकली है इस विद्यालय प्रांगण में स्थित हाई स्कूल का मैदान जो नगर प्रशासन की अनदेखी की वजह से ध्वस्त होता जा रहा था इसी मैदान की साफ सफाई का बीड़ा उठाया है हर्ष छाबरिया ने जो छः सालों से हर साल मैदान की सफाई मे लगे रहते है और यह सेवा भाव निजी खर्च से वहन करते है जिसपर न तो नगर प्रशासन का कोई सहयोग होता न ही नगर प्रशासन इस ओर ध्यान देती है . जबकि उक्त कार्य नगर प्रशासन के जिम्मे होना चाहिए मगर इससे इतर यह कार्य हर्ष छाबरिया ने अपने जिम्मे ले लिया है . यह वही मैदान है जहाँ प्रदेश के मुखिया ने अरपा महोत्सव मनाए जाने की घोषणा के बाद पहला अरपा महोत्सव मनाया गया अरपा महोत्सव के पहले भी इस मैदान की साफ़ सफाई और स्वच्छता हर्ष छाबरिया और टीम के द्वारा किया गया था . जिसके बाद प्रदेश स्तर का अरपा महोत्सव मनाया गया मगर प्रशासन की निरंकुशता देखिए की अरपा महोत्सव के बाद गंदगी का अंबार लगाकर जिला प्रशासन ने छोड़ दिया था वही हर्ष छाबरिया और उनकी टीम ने पुनः इस मैदान को स्वच्छता के लिए आगे आये और फिर से खूबसूरत मैदान सामने आया जहाँ आज सुबह लोग मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक के लिए जाते है.

भुतहा तालाब को बनाया दुर्गा सरोवर : -
भुतहा तालाब नाम से ही यह परिलक्षित होता है कि जहाँ लोग जाने में डरते थे जहाँ इतनी गंदगी थी कि आम लोग इस तालाब के आसपास जाने से कतराते थे मगर समाजसेवी हर्ष की दृण इक्षा शक्ति और सेवा भाव से आज जो कभी भुतहा तालाब हुआ करता था वह अब दुर्गा सरोवर के नाम से जाना जाने लगा है . जहाँ नवरात्र के बाद दुर्गा विसर्जन किया जाता है तालाब हमारी धरोहर की मुहिम पर तालाबो को बचाने के लिए और उसकी सुंदरता की देखभाल प्रशासन की होनी चाहिए मगर प्रशासन की निरंकुशता का यह परिणाम है कि आज तालाब विलुप्त होते जा रहे है इन तालाबो के संरक्षण के लिए प्रशासन को भी जागरूक होना पड़ेगा तब जाकर तालाबो का सौंदर्यीकरण तालाबो का रखरखाव हो पायेगा .

शीतला सरोवर की खूबसूरती जहाँ बनाया जा सकता है चौपाटी : -
शीतला सरोवर पेण्ड्रा शहर के मध्य में स्थित यह सरोवर अब लोगो के आकर्षण का केंद्र भी बनता जा रहा है जहां काली समिति के द्वारा नवरात्र के पॉवन महीने में काली बैठाई जाती है . पहले इस तालाब में गंदगी का अंबार लगा रहता था जिसको देखते हुए नगर के समाजसेवी हर्ष ने इस तालाब को संवारने का बीड़ा उठाया और यह बताया कि किसी कार्य के लिए दृण इक्षाशक्ति और आत्मविश्वास हो तो हर काम आसान है इस तालाब के सफाई के लिए हर्ष छाबरिया एवं काली समिति की पूरी टीम बधाई की पात्र है जिनके अथक प्रयासों का परिणाम यह देखने को मिला कि शहर में मध्य में स्थित शीतला सरोवर साफ़ और स्वक्छ होता जा रहा है अब इसपर नगर प्रशासन को भी जागना चाहिए और इन तालाबो के रखरखाव के लिए आगे आना चाहिए जिससे इन तालाबो का सौंदर्यीकरण किया जा सके .

इस स्वच्छता अभियान में हर्ष बीते 6 सालों से लगे हुए है वही जब इसपर हर्ष छाबरिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह हमारा नगर है जिसके साफ सफाई और स्वच्छता की जवाबदेही हम सबकी है साथ ही यह अपील भी की कि हाई स्कूल का मैदान ,दुर्गा सरोवर , शीतला सरोवर यह हमारी ऐतिहासिक धरोहर है जिसके संरक्षण और संवंर्धन की जवाबदेही हम सबकी है . कुछ असामाजिक तत्व लोग इन जगहों पर बैठकर शराबखोरी करते है जिसपर अंकुश लगना चाहिए और पुलिस प्रशासन को भी इन जगहों पर हो रही शराबखोरी पर कार्यवाही करनी चाहिए ताकि शहर की स्वच्छता बनी रहे जिस दिन पूरा शहर और प्रशासन मिलकर शहर को साफ सुथरा रखने का संकल्प लेगा उस दिन मेरी यह सेवा सार्थक सिद्ध होगी.




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