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फिलीपीन में भीषण तूफान: मरने वालों की संख्या 200 हुई, 52 लापता

फिलीपीन में इस साल के सबसे भीषण तूफान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 200 से अधिक हो गई और 52 लोग अब भी लापता हैं। देश में कई केंद्रीय शहर और प्रांत संचार एवं बिजली सेवा ठप होने से जूझ रहे हैं तथा भोजन एवं पानी के लिए गुहार लगा रहे हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

दक्षिण चीन सागर में शुक्रवार को दस्तक देने से पहले भीषण तूफान में हवाओं की सबसे तेज गति 195 किलोमीटर (121 मील) प्रति घंटा थी और 270 किलोमीटर प्रति घंटे (168 मील प्रति घंटे) की रफ्तार से झोंके चल रहे थे।

राष्ट्रीय पुलिस के अनुसार, कम से कम 208 लोग मारे गए, 52 लोग लापता हैं और 239 लोग घायल हुए है। मृतक संख्या बढ़ने की आशंका थी क्योंकि कई कस्बे और गांवों में संचार ठप होने, बिजली की कटौती और बंद सड़कों के कारण संपर्क टूट गया था। हालांकि बेहतर मौसम के साथ बड़े पैमाने पर सफाई और मरम्मत के प्रयास चल रहे थे। मरने वालों में से कई पेड़ या दीवार गिरने की चपेट में आ गए, कई अचानक आई बाढ़ में डूब गए या भूस्खलन में जिंदा दब गए। पुलिस ने कहा कि नेग्रोस ऑक्सिडेंटल प्रांत में 57 वर्षीय एक व्यक्ति को पेड़ की शाखा से लटका पाया गया और एक महिला हवा में उड़ गई और उसकी मौत हो गई।

 दक्षिणपूर्वी प्रांतों में शामिल एवं आंधी की चपेट में सबसे पहले आने वाले, दीनागट द्वीप समूह की गवर्नर अर्लीन बाग-आओ ने कहा कि 1,30,000 से अधिक की आबादी वाले द्वीप प्रांत में ‘राय’ की क्रूरता तूफान ‘हैयान’ से भी बदतर थी, जो रिकॉर्ड में सबसे शक्तिशाली और सबसे घातक तूफान में से एक है और जिसने नवंबर 2013 में मध्य फिलीपीन को तबाह कर दिया था, लेकिन दीनागट में कोई हताहत नहीं हुआ था। बाग-आओ ने कहा कि छतों, मलबे और कांच के टुकड़ों के उड़ने से कम से कम 14 ग्रामीणों की मौत हो गई और 100 से अधिक अन्य घायल हो गए और दीनागट के क्षतिग्रस्त अस्पतालों में अस्थायी सर्जरी कक्षों में उनका इलाज किया गया। उन्होंने कहा कि अगर तूफान आने से पहले उच्च जोखिम वाले गांवों से हजारों निवासियों को नहीं निकाला गया होता तो कई और लोग मारे जाते। 

कई अन्य तूफान प्रभावित प्रांतों की तरह, दीनागट में बिजली और संचार की आपूर्ति ठप रही और प्रांत में कई निवासियों को भोजन और पानी की आवश्यकता है। बाग-आओ और अन्य प्रांतीय अधिकारियों ने आस-पास के क्षेत्रों की यात्रा की जहां फोन के सिग्नल आ रहे थे ताकि राष्ट्रीय सरकार से राहत-बचाव प्रयासों में मदद एवं समन्वय मांगा जा सके। मध्य द्वीप प्रांतों में तूफान से 7,00,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए, जिनमें 4,00,000 से अधिक लोगों को आपातकालीन आश्रयों में ले जाया गया था।




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