आखिर क्यों इस देश में अब भी चल रहा 2014, जबकि हेरिटेज साइट में शामिल जगह में सबसे ज्यादा जगह इनकी हैं, जानें
नए साल का पहला सप्ताह खत्म होने को है और इसके साथ ही सेलिब्रेशन में लगे लोग अपनी रुटीन में लौट रहे हैं. हालांकि एक ओर जहां पूरी दुनिया में साल 2022 शुरू हो चुका है तो दूसरी ओर दुनिया का एक देश ऐसा भी है जहां अब भी 2014 चल रहा है. अफ्रीकी देश इथियोपिया का कैलेंडर दुनिया से 7 साल, 3 महीने पीछे चलता है. ये देश और भी कई मामलों में एकदम अलग है, जैसे यहां पर साल के 12 की बजाए 13 महीने होते हैं. जानिए, क्यों ये देश साल और वक्त के मामले में दुनिया से इतना अलग है.
85 लाख से ज्यादा आबादी के साथ अफ्रीका के दूसरे सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाले देश के तौर पर जाना जाने वाले इथियोपिया का अपना कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर से लगभग पौने आठ साल पीछे है. यहां नया साल 1 जनवरी की बजाए हर 13 महीने बाद 11 सितंबर को मनाते हैं.
दरअसल ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत 1582 में हुई थी, इससे पहले जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल हुआ करता था. कैथोलिक चर्च को मानने वाले देशों ने नया कैलेंडर स्वीकार कर लिया, जबकि कई देश इसका विरोध कर रहे थे. इनमें इथियोपिया भी एक था.
इथियोपिया में रोमन चर्च की छाप रही. यानी इथियोपियन ऑर्थोडॉक्स चर्च मानता रहा कि ईसा मसीह का जन्म 7 बीसी में हुआ और इसी के अनुसार कैलेंडर की गिनती शुरू हुई. वहीं, दुनिया का बाकी देशों में ईसा मसीह का जन्म AD1 में बताया गया है. यही वजह है कि यहां का कैलेंडर अब भी 2014 में अटका हुआ है, जबकि तमाम देश 2022 की शुरुआत कर चुके हैं.
इथियोपियन कैलेंडर में एक साल में 13 महीने होते हैं. इनमें से 12 महीनों में 30 दिन होते हैं. आखिरी महीना पाग्युमे कहलाता है, जिसमें पांच या छह दिन आते हैं. यह महीना साल के उन दिनों की याद में जोड़कर बनाया गया है, जो किसी वजह से साल की गिनती में नहीं आ पाते हैं.
इथियोपिया के लोग ध्यान रखते हैं कि इस कैलेंडर और उनकी मान्यताओं की वजह से सैलानियों को किसी किस्म की दिक्कत न हो. हालांकि इथियोपिया घूमने जाने वालों को होटल की बुकिंग और कई दूसरी बेसिक सुविधाओं में कहीं न कहीं इस कैलेंडर की वजह से परेशानी उठानी ही होती है.
इस देश की कई अन्य खासियतें भी हैं. जैसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल जगहों में सबसे ज्यादा जगहें इथियोपिया की हैं. जैसे दुनिया की सबसे गहरी और लंबी गुफा, दुनिया की सबसे गर्म जगह और ढेर सारी प्राकृतिक सुंदरता का यहां खजाना है, जिसकी वजह से दुनियाभर के सैलानी यहां आते हैं. 11 सितंबर को मनाया जाने वाला नया साल भी यहां का खास आकर्षण होता है.