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स्मार्ट कार्ड के माध्यम से इलाज के नाम पर करोड़ों का घोटाला

बिलासपुर -  स्मार्ट कार्ड के माध्यम से उपचार के नाम पर करोड़ों का घोटाला सामने आया है। प्रदेश में 2017 में 1 लाख 10 हजार लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन इस अवधि में अग्रसेन चौक स्थित 20 बिस्तरों के विनायक नेत्रालय ने 30 हजार ऑपरेशन कर डाले। प्राथमिक जांच में स्मार्ट कार्ड से उपचार के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले की बात कही गई।

इसके बाद अस्पताल के स्मार्ट कार्ड से उपचार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य शासन ने प्रदेश की जनसंख्या के अनुसार 1 लाख 10 हजार लोगों के मोतियाबिंद ऑपरेशन कराने लक्ष्य दिया था। इसके तहत बिलासपुर जिला का लक्ष्य 13 हजार ऑपरेशन निर्धारित किया गया। वहीं, शहर में विनायक नेत्रालय की दो शाखा अग्रसेन चौक के पास और व्यापार विहार में स्थित है।

अग्रसेन चौक के पास स्थित विनायक नेत्रालय ने सालभर में 30 हजार ऑपरेशन कर दिए। ये सभी ऑपरेशन स्मार्ट कार्ड के माध्यम से हुए। वार्षिक रिपोर्ट मिलने पर अधिकारी आश्चर्य में पड़ गए। इसकी वजह थी कि पूरे बिलासपुर संभाग का लक्ष्य 30 हजार था। इसमें अधिकारियों को स्मार्ट से उपचार के नाम पर गड़बड़ी की शंका हुई। इसके बाद पिछले दिनों रायपुर से जांच के लिए टीम अस्पताल भेजी गई।

जहां जानकारी लेकर टीम वापस लौट गई। ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ रानू साहू ने सीएमओ डॉ. बीबी बोर्डे को भी जांच के निर्देश दिए। जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट ज्वाइंट डायरेक्टर को सौंपा दी गई है। रिपोर्ट को देखने के बाद श्रीमती साहू ने शुक्रवार को सीएमओ डॉ. बीबी बोर्डे को विनायक नेत्रालय, अग्रसेन चौक पर स्मार्ट कार्ड से उपचार पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए। साथ ही व्यापार विहार स्थित विनायक नेत्रालय की भी जांच करने का आदेश दिया है।

अधिकारियों की मिलीभगत : हजारों की संख्या में ऑपरेशन होने से आशंका जताई जा रही है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अस्पताल से मिलीभगत है। ज्वाइंट डायरेक्टर रानू साहू ने साफ किया है कि मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर गहराई से जांच की जाएगी। यदि इसमें अधिकारियों की मिलीभगत रही है तो उनपर भी कार्रवाई होगी।





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