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गुरू का ऐसा सम्मान भाव विभोर हुआ पूरा गांव, लड्डू से तौले गए शिक्षक कृष्णा पटेल

उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान और राष्ट्रीय आईसीटी अवार्ड प्राप्त करने के पश्चात धनागर के पावन धरा पर प्रथम आगमन पर विज्ञान शिक्षक कृष्ण कुमार पटेल का स्वागत सम्मान और शोभायात्रा देवालय से प्रारंभ होकर जुलूस के रूप में गांव के गली मोहल्ले से होते हुए अपार जनसमूह के साथ बाजे गाजे और पटाखे द्वारा ग्राम पंचायत और कालिदास समिति के द्वारा बनाए गए मंच तक पहुंचा।

जगह जगह पर लोग पंडाल लगाकर शाल,श्रीफल से देकर सम्मानित कर रहे थे। मंच पर क्षेत्र के विविध जनप्रतिनिधियों और ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा स्मृति चिन्ह शाल और नारियल देकर सम्मानित किया गया।

लड्डू से तौल कर सम्मानित किया गया

देश के बेहतरीन शिक्षक कृष्ण कुमार पटेल को उनके अदितीय योगदान के लिए ,जिनकी जिंदगी संघर्षों से गुजरी और उनके फर्श से अर्श तक का सफर युवाओं के लिए काफी प्रेरणादाई रही है। इस पल को यादगार बनाने के लिए उन्हें लड्डू से तौला गया। यह पल काफी ऐतिहासिक अद्भुत और लोगों को अभिभूत कर देने वाला था।

शिक्षक कृष्ण कुमार पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचल में स्थित ग्राम धनागर के हर युवा ,हर व्यक्ति का सम्मान है। वर्षों तक गांव उपेक्षित और शोषित रहा है पर अब यह ना झुकेगा ना रुकेगा बल्कि आने वाले समय में नए-नए इतिहास रचेगा।

जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार ने कहा कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण से लेकर उन्हें आदर्श नागरिक के रूप में ढालने की जिम्मेदारी शिक्षक की होती है और कृष्णा जी ने अपनी जिम्मेदारी को न केवल बखूबी निभा रहे हैं बल्कि अपने कार्यों से समाज को एक नई दिशा भी दे रहे हैं।

पूर्व उपाध्यक्ष नरेश पटेल ने बताया कि ग्राम का मान सम्मान तो बढ़ा ही है ,कृष्णा जी के विनम्र व्यवहार ने सबका दिल भी जीता है। पूर्व कृषि मंडी उपाध्यक्ष बद्रीनाथ ने इस पल को हर ग्राम वासी का सम्मान बताया ‌। पूर्व सरपंच कौशल पटेल ने भी इसे गांव के लिए मील का पत्थर बताते हुए उन्हें युवाओं का आदर्श बताया।

युवा पद्मनारायण पटेल के अनुसार वर्तमान में शिक्षा के निजीकरण से लोगों में शिक्षकों के प्रति सम्मान में जरूर कमी आई है पर कृष्णा पटेल ने समय के साथ अपने आप को अपडेट और अपग्रेड करते हुए स्वयं को एक डिजिटल शिक्षक के रूप में कोरोनाकाल के समय शिक्षा को एक नई गति दी ,इसकी प्रकाश को बुझने नहीं दिया। निश्चित ही यह सम्मान देकर हम अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। कालिदास मंच में आयोजित कार्यक्रम की सफलता के लिए गांव के सरपंच हृषिता हरिशंकर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस दिवस को

ऐतिहासिक बताया।

इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर उनके मित्र भोजराम पटेल ,गौरी शंकर पटेल ,राजेश पटेल, राधेश्याम नायक, नेत्रानंद पुष्पा पटेल , धनीराम रुकमणी, रमेश पटेल, शिवा पटेल, गुरुचरण पटेल, दिलेश्वर पटेल, डोल नारायण पटेल, मोतीराम पटेल चंद्रशेखर पटेल ,भीष्म देव तारा चंद नायक ,आशू यादव, अभिषेक पटेल, प्रेम लाल पटेल, कुशल पटेल, लोकनाथ पटेल कैलाश चौहान, शिव पटेल वीरेंद्र पटेल वसंत चौहान मुरली मनोहर यादव हरिकिशन , डमरु धरम नायक उमाशंकर ,किरण पटेल ,भास्कर यादव, प्रभाकर सूरज शेखर नरेंद्र पटेल सहित ग्राम के सरपंच पदमन चौधरी और बहुत सारे अन्य मित्रों ने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की।

कौन है कृष्णकुमार पटेल

डिजिटल निमोनिक्स विधि से विज्ञान के अध्ययन को रोचक बनाकर विद्यार्थियों को सरलतापूर्वक सीखने की विधि विकसित करने वाले ग्राम धनागर निवासी एवं जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा (जांजगीर- चांपा ) में पदस्थ शिक्षक कृष्ण कुमार पटेल ने कोरोना काल में सैकड़ों वीडियो लेसन और ई कंटेंट तैयार करके ऑनलाइन कक्षा एवं यूट्यूब के साथ-साथ विविध सोशल माध्यमों द्वारा विद्यार्थियों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाई. उनके इस योगदान के लिए सत्र 2019 के उत्कृष्ठ शिक्षक आईसीटी उत्कृष्ठ शिक्षक अवार्ड के लिए उन्हें चयनित किया गया । एक विज्ञान शिक्षक को विज्ञान दिवस मे विज्ञान शिक्षकों का सबसे बड़ा पुरस्कार राष्ट्रीय आईसीटी अवार्ड केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती अन्नपूर्णादेवी ने नई दिल्ली के अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय भवन के नालंदा सभागार में 28 फरवरी को आयोजित पुरस्कार समारोह सेरेमनी फॉर स्कूल टीचर्स में प्रमाण-पत्र और मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।
 *० यूट्यूब चैनल में 13 हजार से अधिक सब्सक्राइबर...*
ग्राम धनागर जिला रायगढ़ निवासी कृष्ण कुमार पटेल जवाहर नवोदय विद्यालय चिस्दा जिला जांजगीर-चांपा में विज्ञान शिक्षक हैं. विगत कई वर्षों से विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास एवं उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न करने के लिए योगदान करते रहे हैं. सीमित संसाधनों द्वारा अपने घर में ही छोटा सा स्टूडियो सेटअप कर के मोबाइल से ही सैकड़ों रोचक वीडियो बनाकर उसे विभिन्न सोशल माध्यम में अपलोड किए हैं. उनके यूट्यूब चैनल के. के. पटेल में 13000 से भी अधिक सब्सक्राइबर हैं. उनके इस नवाचार के लिए उन्हें यह अवार्ड दिया गया है ।



कोरोना काल में विज्ञान के लिए बनाया ई-कंटेंट 

कोरोना काल में के. के. पटेल द्वारा सूचना संचार तकनीक का बेहतरीन उपयोग करते हुए कई नवाचार विधियों को अपनाकर सैकड़ों शैक्षिक वीडियो क्लिप तैयार किए बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विज्ञान विषय के लिए ई कंटेंट भी तैयार किया जिसे नवोदय विद्यालय समिति ने पूरे देश व विज्ञान शिक्षकों को उपलब्ध कराया। उन्होंने छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग वेबसाइट सीजी स्कूल डॉट इन में बहुत सारे वीडियो क्लिप भी अपलोड किए जिसे राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्कूली कार्यक्रम पढ़ाई तुंहर द्वार और मोहल्ला क्लास में दिखा रही है । नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए उनके द्वारा बनाए गए आईसीटी माड्यूल ™सपने बुनो नवोदय चुनो ™ से ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आवेदन की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई. वे कोरोना काल में बच्चों के लिए नियमित ऑनलाइन योगा क्लास संचालित करते थे । वे एनसीसी ऑफिसर भी हैं और पूर्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी भी रहे हैं..

वास्तव में यह गुरु के प्रति सम्मान का अद्भुत नजारा था जिसने भी देखा भावनाओं में बह निकले और एक शिक्षक के गांव में इस अद्भुत सम्मान समारोह ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि शिक्षक बदलते परिवेश के साथ अपने सीखने सिखाने की ललक बरकरार रखें तो समाज अभी भी उसे वही पुरातन गुरु का दर्जा देगा , और अपना पथ प्रदर्शक मानता रहेगा ।
अस्तु ठीक ही कहा गया है: जल जाता है वह दिए की तरह कई जीवन रोशन कर जाता है। कुछ इसी तरह गुरु अपना फर्ज निभाता है।।




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