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पिथौरा : कब्जा खाली कराने गया वन विभाग, बीट गार्ड पर लगे संगीन आरोप

परमीत सिंह माटा। विकासखंड पिथौरा अंतर्गत बारनवापारा से विस्थापित ग्राम लाटादादर में वन भूमि पर 7 वर्षों से काबिज परिवार कब्जा हटाने वन अमला पहुँचा बेरंग लौटा। इधर परिवार ने लगाया वनकर्मी पर फिर पैसे मांगने का आरोप। वनकर्मी पर लगे आरोप में अधिकारियों ने चुप्पी साधी।

आपको बताते चले कि ग्राम पंचायत लाटाददार में कोई 7 वर्ष से निवारसरत एक परिवार पर वन भूमि में काबिज रहते वहाँ पक्का मकान बनाया , जिसके बाद ग्रामीणों की शिकायत पर वन विभाग वन परिक्षेत्र अधिकारी जयकांत गंडेचा के नेतृत्व में वन अमला वन भूमि पर बने पक्के मकान को तोड़ने पहुंचा था, जिसके बाद 1 माह का अतिरिक्त समय देकर अमला लौट गया।

वही पीड़ित परिवार के मुखिया अजय सागर चौहान ने विभाग पर पैसे मांगने का आरोप लगाया ओर कहा कि वह विगत 2014 से ग्राम में निवास कर रहे हैं। जिसके बाद वर्ष 2019 में तत्कालीन ग्राम पंचायत की मौखिक सहमति मिलने के बाद ही उन्होंने उक्त भूमि पर पक्का मकान भी बना लिया पक्का मकान बनाने दरमियान उस क्षेत्र में पदस्थ चौकीदार कौशल आदिल ने उनसे पचास हजार की मांग की तो वे जनवरी 2019 में पचास हजार रुपये रकम उसे दिया गया। जिसके बाद वह मामला वही शांत हो गया अब करीब माह भर पूर्व उक्त चौकीदार कौशल के द्वारा फिर से एक लाख रुपये की मांग की गई परिवारजनों ने 1 लाख रुपये देने में असमर्थता जताई उसके बाद वन विभाग की टीम सोमवार को वन विभाग के अधिकारी उक्त परिवार को बेदखल करने पहुंचे थे ।।

इधर रेंजर जयकांत गंडेचा ने बताया कि उक्त परिवार लाटा दादर के कक्ष क्रमांक 257 वनभूमि में अवैध रूप से कब्जा कर है। भीषण गर्मी को देखते 1 माह का समय दिया गया है जिसके बाद विभाग पुनः कार्यवाही करेगा।

सरपंच ने कहा, इतने दिनों से कहाँ था विभाग, एकाएक कार्यवाही क्यों

ग्राम पंचायत लाटादादर के सरपंच रीना तांडी ने कहा की उक्त परिवार बीते 7- 8 वर्षों से ग्राम लाटादादर में निवास कर रहे है कुछ हिस्से की जमीन में वे परिवार पक्का मकान बनाए हैं, आखिर इतने वर्षों से प्रसाशन कार्यवाही नही कर अचानक तोड़ने पहुच गया प्रशासन से निवेदन है कि गरीब परिवार का मकान ना तोड़ कर उसे पट्टा दिया जाए।।




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