news-details

पिथौरा : गौवंश की तस्करी, क्षेत्र में कई नामचीन दलाल सक्रिय

परमीत सिंह माटा.  पिथौरा क्षेत्र समेत अंचल से लगे सीमावर्ती इलाके उड़ीसा गांवो में गौ वंशो की धड़ल्ले से तस्करी की जा रही है, तस्करी करते पशुओं को इन इलाकों से पार करवाने क्षेत्र के नामचीन दलाल सक्रिय हैं, इधर लगातार गौ वंशो की तस्करी की खबर के बावजूद स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है कार्यवाही शून्य.  उल्लेखनीय हो कि नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में घुमंतू व आवारा पशु को मनुष्य अपने स्वार्थ साधने के बाद अनुपयोगी हो चुके गोवंश को लगभग सभी इलाकों में दलालों के माध्यम से बेचे जाने की खबर मिल रही है, ये दलाल गौ वंशो को उड़ीसा लेजाकर बंगाल के कत्लखाने में बेचते है, क्षेत्र के तथाकथित सेवक के रूप में कार्य कर रहे इन असामाजिक लोगों की भूमिका बड़े दलालों के रूप में उभर कर आ रही है। 

कुछ लोगो के द्वारा सेवा की आड़ में अवैध वसूली भी की जा रही है विदित हो कि उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्र होने से गोवंश को चरवाहों के माध्यम से हकलाते हुए खेत व जंगलों के रास्ते से छत्तीसगढ़ प्रदेश की सीमा पार करा उड़ीसा ले जाते है, जिसके बाद उसे उड़ीसा स्थित बटोरा बाजार में इन्हें बेचा जाता है, खरीददार सभी गौ वंश वहां से बंगाल के कत्लखाने ले जाते है।

सूत्रों के अनुसार साकरा के पास एक ग्रामीण इलाके में सक्रिय एक दलाल के तार अंतरराज्यीय तस्करों से जुड़े हुए हैं खबरों के मुताबिक अनुविभाग अंतर्गत आने वाले ग्राम फिरगी समेत बुंदेली, पीलवापाली, मुढ़ीपार, परसवानी, सपोष क्षेत्रों में दलाल बेहद सक्रिय है, एक ग्रामीण ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ग्रामीण तस्कर इधर कसडोल नवागांव होते हुए बया रंगोरा के रास्ते से चारभाटा होते हुए सपोस के पास राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रॉस करके परसवानी होते हुए उड़ीसा ले जाते हैं यही इनका मुख्य मार्ग है, वहीं क्षेत्रों में कई बार तस्कर से रोककर अवैध उगाही की शिकायतें मिलती रही है, उल्लेखनीय हो कि फसल आदि को मवेशियों से बचाने के लिए कुछ ग्रामों के जनप्रतिनिधियों के द्वारा बकायदा पंचायत के द्वारा गौ वंशो को बेचने का व फसल बचाने का तर्क देते हुए पंचायत प्रस्ताव बना कर भी दिया जाता है, जिससे रास्ते मे दलालों को कोई नही रोक पाता ।

नामी-गिरामी लोगो संलिप्तता व अवैध उगाही की शिकायतें।

समय-समय पर गौ तस्करों को पकड़वाने डरा-चमका कर अवैध उगाही करने की मौखिक शिकायते मिलती है, इस मामले में प्रशासन का अनभिज्ञ होना प्रशासन के कार्यो के प्रति जवाबदेही को प्रदर्शित करता है। जबकि अवैध उगाही करने वाले ग्रामो में अपने सूत्र बैठाए हुए है, कुछ दिन पूर्व ऐसा ही एक अवैध उगाही मामला सपोस से परसवानी मार्ग में सुनने में आया था, प्रशासन की निष्क्रियता से तस्कर व दलाल बच रहे है।।




अन्य सम्बंधित खबरें