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अचानक मौसम के बदलने से बढ़ी मरीजों की संख्या

बिलासपुर:- अचानक मौसम में बदलाव होने से लोग मौसमी बीमारी के चपेट में आ रहे हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से सिम्स व जिला अस्पताल के सभी वार्ड तथा इमरजेंसी फुल हो गए हैं। जिला अस्पताल से भी मरीजों को रेफर किया जा रहा है। दूसरी ओर डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों को सिम्स में बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। ज्यादातर सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी दस्त के मरीज पहुंच रहे हैं।

गर्मी के मौसम में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है। जिससे लोगों की सेहत पर विपरीत असर पड़ने लगा है। सर्दी-खांसी के साथ बुखार और डायरिया से पीड़ित लोग हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। मरीजों के बढ़ने से बिस्तरों की संख्या भी कम पड़ने लगी है। सिम्स में रोजाना 30-40 मरीज भर्ती हो रहे हैं और करीब 15 मरीजों की छुट्टी होती है। आइसोलेशन वार्ड भी पहले से ही फुल है। शनिवार तक अस्पताल के सभी वार्ड पैक हो गए। अप्रैल महीने के शुरुआत में ही तापमान में लगातार बदलाव हो रहा है। बारिश होने के बाद उमस शुरु हो गई है। इसके कारण लोग बीमार पड़ने लगे हैं। इन दिनों सिम्स व जिला हॉस्पिटल में मौसमी मरीजों की संख्या बढ़ी है। इनमें उल्टी-दस्त, सिरदर्द-बुखार की ज्यादा शिकायत है। बीते दो दिनों से इसी तरह के मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। इनमें सभी उम्र के लोग शामिल हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव के चलते ऐसी स्थिति बन रही है। लोग धूप के बाद बारिश के पानी से भीग रहे है। प्रदूषित पानी पीने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोत सूखने लगे हैं। ऐसे में साफ पानी की कमी हो गई। सबसे अधिक भीड़ सिम्स में है। अस्पताल के वार्ड और इमरजेंसी वार्ड में बिल्कुल भी जगह खाली नहीं है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने हर वार्ड में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की है, लेकिन मरीजों की भीड़ के चलते यह नाकाफी साबित हो रहा है।

दो-तीन दिनों से धूप के साथ ही बारिश भी हो रही है, इससे लोग बीमार पड़ रहे हैं।

सिम्स में मरीजों की छुट्टी के बाद कर रहे भर्ती

मौसम में अचानक बदलाव के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। सिम्स के आइसोलेशन, मेडिकल सहित पूरे 600 बेड मरीजों से भर गए हैं। मरीजों की छुट्टी होने पर दूसरे मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। डॉ. लखन सिंह, पीआरओ सिम्स।




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