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थाना प्रभारी के.के.पटेल और जनप्रतिनिधियों ने कराया विधवा गरीब युवती पिंकी का पुनर्विवाह....नारी उत्थान की दिशा मे अभिनव पहल ने जीता जनता का दिल...

भारतीय समाज के विकास में कई रूढ़ियाँ सबसे बड़ी बाधा हैं, जो लोगों को सकारात्मक सोचने नहीं देतीं। इनमें से एक है- पुनर्विवाह। आजादी के पूर्व भी इसके लिए प्रयास किए जाते रहे, किंतु वे इसके विरोध की मानसिकता को पूरी तरह मिटा नहीं पाए। आज भी हमारे समाज में पुनर्विवाह को खुले मन और मस्तिष्क से नहीं स्वीकारा जाता। हम उन महिलाओं का उदाहरण लें जो अल्पायु में ही विधवा या तलाक के कारण अकेली हो गई हैं। अगर बच्चे छोटे हों तो जीवन का आरंभिक समय उनके लालन-पालन, पढ़ाई-लिखाई, नौकरी, शादी आदि की आपाधापी में व्यतीत हो जाता है।पुरुष के पुनर्विवाह को हम आसानी से पचा जाते हैं, किंतु किसी महिला के पुनर्विवाह की बात हमारे समाज गले नहीं उतरती। लेकिन समाज मे थाना प्रभारी केके पटेल और कुछ सच्चे समाजसेवी तथा जनप्रतिनिधि भी है दकियानुसी मानसिकता से परे होकर नारी उत्थान के दिशा मे काम करने मे यकीन रखते हैँ। ताजा मामला सरिया थाना क्षेत्र अनर्गत आने वाले ग्राम महाराजपुर् का है जहां, थाना प्रभारी केके पटेल, जनप्रतिनिधि और समाज के पदाधिकारियों ने 5 वर्ष से विधवा जीवन जी रही पिंकी का पुनर्विवाह करा समाज को एक उदाहरण पेश किया।

क्या है पुरा मामला -

ग्राम महाराजपुर की निराकर बैरागी की बड़ी बेटी पिंकी का विवाह सन 2016 मे सम्पन्न हुवा था किन्तु दुर्भाग्यवश उसके पति का निधन हो गया। जिस पर पिंकी छोटी बेटी को लेकर अपने मायके आकर रहने लगी। पिंकी और उसकी बेटी माही का पुरा भरण पोषण उसके पिता निराकार ही करते थे। करीब 4 से 5 वर्ष मायके मे रहने के पश्चात कोसीर निवासी नरेंद्र वैष्णव ने पिंकी को उसके बच्चे के साथ अपनाने की बात कर विवाह का प्रस्ताव दिया। परिवार और पिंकी की इच्छानुसार बेटी माही को रखने की शर्त पर दोनो का विवाह तय हुवा। तभी पिंकी के अनुसार उसके ससुराल पक्ष द्वारा विवाह करने की स्थिति मे पैसो की मांग की जाने लगी वरना बेटी को बलपूर्वक ले जाने की धमकी दी जाने लगी,जिसकी लिखित शिकायत पिंकी ने थाना सरिया मे दिया था। विवाह तिथि तय होने के पश्चात पिंकी के मायके पक्ष ने थाना प्रभारी केके पटेल को विवाह मे उपस्थित होने हेतु आग्रह किया था। जिस पर दिनांक 09-05-2022 सोमवार को के.के. पटेल ने जनप्रतिनिधियों के साथ उपस्थित होकर विवाह सम्पन्न कराया और स्वयं बड़े भाई का फर्ज निभाते हुवे नव दम्पत्तियों को उपहार भी भेंट किये, तथा भविष्य मे पिंकी बैरागी को आश्वासन भी दिया की उन्हे अपना बड़ा भाई समझे और कोई परेशानी आने पर बहन की भांति तत्काल सूचना भी दे।

पत्रकार एवं जनप्रतिनिधियों ने दिया आशीष-

थाना प्रभारी केके पटेल के साथ वरिष्ठ पत्रकार लोकेश प्रधान, पत्रकार जगन्नाथ बैरागी सहित विधायक प्रतिनिधि पदमन प्रधान, रायगढ़ विधायक विशेष सलाहकार कमल प्रधान, आरक्षक रामकुमार साहु, वैष्णव समाज जिला अध्यक्ष लखन वैष्णव सहित सैकड़ों लोगों ने आशीर्वाद प्रदान कर पिंकी बैरागी महराजपुर और नरेंद्र वैष्णव कोसीर के उज्ज्वल भविष्य की कामना किये, और बेटी माही बैरागी की भली भाँती परवरिश करने की बात कही।

पुनर्विवाह का मतलब है, इंसानियत का दर्शन (सरिया थाना प्रभारी केके पटेल)-

पुनर्विवाह का मतलब, स्वैराचार नहीं अपितु पुनर्विवाह का मतलब है, इंसानियत का दर्शन! विधवा 'बेचारी' नहीं होती! वह भी एक परिपूर्ण नारी है, जिस में वे सारी योग्यताएं है,
जो अन्य महिलाओं में है। बस जरुरत है उन्हें 'बेचारी' शब्द से बाहर निकालने की! इसके लिए सरकार के साथ समाज की सोच को बदलना होगा और समाज में हम भी आते है! जब 'विधुर' पुनर्विवाह कर सकते हैं, तो 'विधवा' पुनर्विवाह क्यों नहीं कर सकती?




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