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सरायपाली : महिला तड़प-तड़प कर मर गई, हंसी-मजाक करते रहे शराब पकड़ने गए कर्मचारी, थाना से लेकर महिला आयोग तक शिकायत

हेमन्त वैष्णव, सरायपाली : महासमुंद जिले के सरायपाली थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत प्रेतनडीह के आश्रित ग्राम बगइजोर में हुई 45 वर्षीय महिला की मौत पर उसके परिवार वालों ने शिकायत किया है कि जमुना बाई की मृत्यु धक्का-मुक्की से हुई है.

परिवार वालो ने देखने पर पहचान करने की बात कही
पीड़ित परिवार के अनुसार 5 जून की शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच बगइजोर के कार्तिक राम के घर में 5 पुरुष और एक महिला घुस गए और बोले कि हम लोग सरायपाली थाना के पुलिस वाले हैं. दारू बनाते हो कहकर धमकाते हुए गाली-गलौच करने लगे. घर मे खोज बिन किए लेकिन उन्हें कुछ भी अवैध शराब या नशा का सामान नही मिला, जिसके बाद वे पलंग का चाबी मांगने लगे. चावी मेरे बहन के पास है कहने पर वे तोड़-फोड़ पर उतारू हो गए. हलाकि परिवार वालो का कहना है कि वे उन लोगों को नही पहचानते हैं लेकिन देखेंगे तो पहचान जायेंगे.

धक्का-मुक्की किया गया, जिससे वह गिर गई और छटपटाने लगी
परिवार वालों के अनुसार जब जमुना बाई ने तोड़-फोड़ के लिए मना किया तो उन्होंने धक्का-मुक्की किया, जिससे वह गिर गई और छटपटाने लगी. जिसके बाद वे बोले - हम लोग पुलिस वाले हैं, हम लोगो के सामने नाटक करने वालो को हम अच्छे से पहचानते हैं, हमे ठग रही है.

गिरकर तबियत खराब होने पर हंसी मजाक उड़ाते रहे 5 पुरुष और 1 महिला

जमुना बाई के गिरकर तबियत खराब होने पर पीड़ित परिवार अस्पताल ले जाने के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन 5 पुरुष और 1 महिला कर्मचारी द्वारा मजाक कर रहे हो, नाटक कर रहे हो कहकर हंसी उड़ाते रहे. काफी देर बाद जब जमुना बाई शिथिल होने लगी तब कहीं जाकर अस्पताल ले गए और अस्पताल से 5 पुरुष और 1 महिला फरार हो गए. सरायपाली के अस्पताल के डॉक्टर ने चेक कर बताया कि जमुना बाई की मृत्यु हो चुकी है.

परिवार वालों का कहना है कि इस तरह से उनके घर घुसकर डराते, धमकाते हुए धक्का-मुक्की नहीं करते तो जमुना बाई नहीं गिरती और यह घटना घटित नही होती या समय पर अस्पताल पहुंचा दिये रहते तो भी जमुना बाई बच सकती थी लेकिन उनके दुर्व्यवहार एवं लापरवाही के कारण मृत्यु हुई है.

थाने में हुई शिकायत, टीआई आशीष वासनिक ने क्या कहा सीजी संदेश डॉटकॉम से

इस मामले की शिकायत पीड़ित परिवार द्वारा सरायपाली थाना में दिया गया है और जांच की मांग की गयी है. मामले में सरायपाली थाना के टीआई आशीष वासनिक ने सीजी संदेश से चर्चा करते हुए बताया कि इस मामले में मर्ग कायम किया गया है. महिला की मृत्यु पीएम रिपोर्ट के अनुसार हार्ट फेल से हुआ है. परिवार वालों ने मर्ग कायम के बयान में यही बताया था. इसके बाद दोबारा कैसे शिकायत मिला है. शिकायत के आधार पर जांच किया जाएगा

सरायपाली पुलिस और आबकारी विभाग पहले से मुकर चुके है कि उनकी टीम नही गई थी रेड में, लगा चुके है एक दूसरे के ऊपर आरोप

सीजी संदेश डॉटकॉम द्वारा पहले खबर प्रकाशन में सरायपाली टीआई आशीष वासनिक ने साफ-साफ बताया था कि उनके थाना से कोई नहीं गये थे. आबकारी विभाग वाले गए थे.

खबर प्रकाशन के बाद सरायपाली के आबकारी अधिकारी उत्तम बुद्ध ने आरोप को बेबुनियाद बताया था और उल्टे पुलिस विभाग पर ही आरोप लगा दिया कि आबकारी विभाग को बदनाम किया जा रहा है. दोनों विभाग मुकर चुके है कि उनकी टीम रेड में नहीं गयी थी.

किसकी टीम गई थी जांच में ?

आखिर सरायपाली पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा अगर यह रेड नहीं मारा गया है, तो वे 5 पुरुष और 1 महिला किनके विभाग से थे, यह भी एक बड़ा सवाल पैदा हो चुका है. हलाकि पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि उन 5 पुरुष और 1 महिला कर्मचारी को देखने पर पहचान लेंगे.

राजनीतिक रंग ले चुका है मामला

महिला की मृत्य की घटना संदिग्ध होने पर तथा लगातार समाचार और मीडिया में प्रकाशित होने के बाद कुछ राजनीति पार्टियों के नेता भी इसमें टूट पड़े है. आईटी सेल के जफर उल्ला खान ने छत्तीसगढ़ महिला आयोग के अध्यक्ष महासमुन्द जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष रश्मि चंद्रकार को एक लेकर लिखकर निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मांग की है. इसके अलावा बीजेपी के कुछ नेता भी इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार से मिले हैं.

अब देखना यह है कि कौनसा विभाग बगईजोर में रेड करने गया था, चूँकि दोनों विभाग मुकर चुके है.




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