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शिल्पियों को आर्थिक रूप से मजबूत करना लक्ष्य: चंदन कश्यप

जगार-2022 मेला के समापन समारोह में शिल्पियों को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित

मेले में शिल्पकारों ने किया एक करोड़ से अधिक का कारोबार

रायपुर : छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप आज राजधानी रायपुर के छत्तीसगढ़ पंडरी हाट बाजार परिसर में आयोजित ‘‘जगार-2022’’ मेले के समापन समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर अध्यक्ष श्री कश्यप ने सम्बोधित करते हुए कहा कि शिल्पियों को आर्थिक रूप से मजबूत करना हस्तशिल्प विकास बोर्ड का लक्ष्य है। अध्यक्ष कश्यप ने सभी शिल्पियों और कलाकारों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल के कारण 2 वर्षों के उपरांत जगार मेला का आयोजन हुआ है। इस 15 दिवसीय आयोजन में शिल्पकारों के उत्पादों को बेहतर प्रतिसाद मिला है, जिसकी झलक आज शिल्पियों के चेहरे पर साफ दिख रही है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में होेने वाले बड़े आयोजन में सम्मिलित होने के लिए शिल्पकारों का हस्तशिल्प विकास बोर्ड सारा खर्च वहन करेगा, जिससे शिल्पकारों के उत्पादों को बेहतर बाजार मिल सके। कश्यप ने कार्यक्रम में स्टेट एवं नेशनल अवार्डी शिल्पियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।


उल्लेखनीय है कि 15 दिवसीय मेले में छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों के शिल्पकारों एवं बुनकरों के विभिन्न उत्पाद के प्रदर्शन सह विक्रय के लिए 140 स्टॉल लगाए गए। इस मेले में लगभग एक करोड़ रूपए से अधिक का शिल्पियों और कलाकारों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न प्रकार के उत्पादों की बिक्री हुई। जगार मेले में हस्तशिल्प के विभिन्न उत्पादों के साथ ही हाथकरघा, खादी ग्रामोद्योग, माटीकला के अनेक आकर्षक उत्पादों की प्रदर्शनी बिक्री के लिए लगाई गई है। इन स्टॉलों में अन्य राज्यों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के 80 स्टॉल लगाए गए थे।

जगार मेले में प्रतिदिन संस्कृति विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इसी कड़ी में आज अंतिम दिन सांस्कृतिक संध्या में दुर्ग जिले के उतई से आए पारंपरिक लोक कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के दौरान ‘चल संगवारी’ के 11 सदस्यीय लोक कलाकारों, सुर श्रृंगार म्यूजिकल गु्रप तथा नागपुर से आई गोदना और पैरा शिल्प की प्रसिद्ध शिल्पकार संजना ने कत्थक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग आकर अपनी मन-पसंद गृह सज्जा और सजावटी वस्तुओं के साथ-साथ पारंपरिक वस्त्रों की जमकर खरीददारी कर सांस्कृतिक संध्या का भी लुफ्त उठाया। इस अवसर पर बोर्ड के महाप्रबंधक एस.एल. धुर्वे, परेश मिंज, एच.बी. अंसारी और शिल्पकला प्रेमी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।





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