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त्रिपुरा से कानन पिंडारी आएंगे हिमालयन भालू व केट लेपर्ड

बिलासपुर;- कानन पेंडारी जू जल्द नए मेहमानों से गुलजार होने वाला है। त्रिपुरा से दो हिमालयन भालू और चार केट लेपर्ड (बिल्ली तेंदुआ) आएगा। बदले में कानन प्रबंधन उन्हें एक लेपर्ड और तीन लंगूर देगा। दोनों जू प्रबंधन के बीच वन्यप्राणियों की इस अदला- बदली की प्रक्रिया को पूरी करने के लिए सीजेडए ने स्वीकृति दे दी है।

जू प्रबंधन करीब दो साल केवल वन्यप्राणियों के नस्ल सुधार और प्रजातियों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहा है। त्रिपुरा जू प्रबंधन से हिमायल भालू और केट लेपर्ड की मांग की गई थी। वे राजी हो गए। हालांकि बदले में वे टाइगर मांग रहे थे, लेकिन कानन प्रबंधन ने इससे इन्कार कर दिया।

इसकी वजह अदला-बदली के लायक संख्या न होना है। बाद में उन्होंने एक लेपर्ड और तीन लंगूर की मांग की जिसे कानन प्रबंधन ने स्वीकार कर लिया है। दोनों के बीच आपसी रजामंदी हुई। इसके बाद दोनों ने ही अदला- बदली के लिए अनुमति मांगी। शनिवार को प्राधिकरण ने इसके लिए अनुमति दे दी है। सहमति का पत्र वनमंडल कार्यालय में पहुंच चुका है।

प्रजातियों की संख्या बढ़कर 67 हो जाएंगी

हिमालयन भालू और केट लेपर्ड दोनों ही कानन पेंडारी जू के लिए नई प्रजाति है। इनके आते ही यहां प्रजातियों की संख्या बढ़कर 67 हो जाएगी। वर्तमान में 65 प्रजाति के वन्यप्राणी हैं। बता दें कि कानन पेंडारी जू को अभी स्माल जू की मान्यता है।

प्राधिकरण की वेबसाइट में मीडियम जू के रूप में अपडेट भी हो चुका है, लेकिन मान्यता तब तक नहीं मिलेगी जब तक वह प्राधिकरण को मिली कमियों को दूर नहीं कर देते हैं। इनमें सबसे पहले डायरेक्टर की नियुक्ति है। वन्यप्राणियों की संख्या, क्षेत्र, प्रजाति आदि मीडियम जू के मापदंडों के अनुरूप है।

जल्द ही तय होगा वहां जाएंगे या आएंगे

प्राधिकरण से स्वीकृत मिल गई है। लेकिन अभी यह तय नहीं हो पाया है कि यहां से कानन प्रबंधन त्रिपुरा वन्यप्राणियों को लेकर जाएगा या फिर वहां से दल वन्यप्राणियों को लेकर आएगा।





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