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क्या मंगल ग्रह पर जीवन संभव है? जानिए, क्या कहते हैं वैज्ञानिक

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का 'मार्स इनसाइट लेंडर' यानी InSight यान मंगल ग्रह पर सोमवार की रात लैंड हुआ  अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का इनसाइट मंगल की धरती पर उतर गया और इसने लाल ग्रह यानी मंगल की पहली तस्वीर भी भेजी. माना जा रहा है कि इससे हमें पृथ्वी के बारे में और जानकारी मिल सकती है.

2012 के बाद नासा का यह पृथअवी के पड़ोसी ग्रहों पर किसी स्पेसक्राफ्ट को लैंड करवाने का यह पहला प्रयास है. पांच मई को लांच किया गया मार्स 'इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सीस्मिक इंवेस्टिगेशंस, जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट' (इनसाइट) लेंडर 2012 में 'क्यूरियोसिटी रोवर' के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है

अब मंगल की आतंरिक संरचना का चलेगा पता

मंगल काफी हार्ड है. दरअसल 2030 तक मंगल पर लोगों को भेजने के कोशिशों के लिए नासा को ‘लाल ग्रह' के तापमान को समझना महत्वपूर्ण है.वैज्ञानिकों का मानना है की इससे मंगल की गहरी आन्तारिक संरचना का पता चलेगा और इसके साथ ही इससे पृथ्वी के बारे में भी जानकारी मिल सकती है.उनका कहना है की वहाँ की कठिन परिस्थितियों में जीना मुश्किल है. मंगल ग्रह पर मरनें की आशंका पृथ्वी से कहीं ज्यादा है.

माना जा रहा है कि यान के मंगल की धरती पर उतरते ही दो वर्षीय मिशन शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही इनसाइट पहला अंतरिक्ष यान हो जाएगा जो मंगल की गहरी आंतरिक संरचना का अध्ययन करेगा. इससे वैज्ञानिकों को हमारी अपनी पृथ्वी सहित पत्थर से बने सभी ग्रहों के निर्माण को समझने में मदद मिलेगी.





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