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कोरबा महापौर का जाति प्रमाण पत्र फर्जी, बीजेपी पार्षद की याचिका पर कोर्ट का फैसला

कोरबा। कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद को जाति मामले में कोर्ट से झटका लगा है। अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) ने उनके जाति प्रमाण को निलंबित कर दिया है। नगर निगम चुनाव 2019 के समय राजकिशोर प्रसाद ने खुद को ओबीसी वर्ग का बताते हुए जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। जिसे भाजपा पार्षद ने चुनौती थी।  

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि, तहसीलदार कोरबा द्वारा 5 दिसंबर 2019 को अनुमोदित अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को प्रथम दृष्ट्या संदेहास्पद एवं कपट पूर्वक पाया गया है। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अंतिम जांच होने तक उन्हें निलंबित कर दिया गया है और उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाये। जिसका निर्देश सक्षम अधिकारी को दिया गया है।


उक्त आदेश के तहत राजकिशोर प्रसाद द्वारा अस्थाई जाति प्रमाण पत्र को किसी भी प्रकार के हितलाभ के लिए उपयोग करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।  

बता दें कि कोरबा महापौर की सीट ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थी। लेकिन कांग्रेस ने ऐसे शख्स को महापौर बना दिया, जो ओबीसी वर्ग से नहीं थे। यह आरोप बीजेपी पार्षद ने लगाया। पार्षद रितु चौरसिया ने उनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर एसडीएम कोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका के चार साल बाद कोर्ट ने उनके जाति प्रमाण पत्र को शून्य घोषित कर दिया है।






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