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महासमुंद : योग को अपने जीवन शैली में करें शामिल नियमित करे योग - एडीजे भतपहरी

न्यायाधीश सहित अधिवक्तागण, अधिकारी-कर्मचारियों ने किया योगाभ्यास

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलसपुर के निर्देशानुसार स्टेट प्लान एक्षन के तहत विषेष राष्ट्रीय एवं अर्तराष्ट्रीय दिवसों के अवसर किए जाने वाले कार्यक्रम के तहत आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद के तत्वधान में जिला न्यायालय परिसर में प्रतिवर्ष की भांति दषम् अन्तर्राष्टीय योग दिवस पर न्यायाधीश एवं न्यायालयीन अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा योभाभ्यास किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा ने अपने विज्ञप्ति में बताया कि योगाभ्यास समारोह में योग प्रशिक्षक आचार्य तिलक साहू द्वारा योगाभ्यास कराए जाने के दौरान पद्मासन, ताड़ासन, वज्रासन, मकरासन, नौकासन, भुजंगासन, शवासन, कपाल भारती, अनुलोम विलोम सहित सूर्य नमस्कार जैसे महत्वपूर्ण योग के बारे में आसन की प्रक्रिया तथा उनके महत्व के बारे में विस्तापूर्वक जानकारी दी गई।  
 
  योगाभ्यास शिविर में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री संघपुष्पा भतपहरी ने योगाभ्यास में उपस्थित सभी अधिकारी कर्मचारियों को कहा कि अपने जीवन शैली में नियमित रूप से योग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि योग का मानव जीवन में बहुत महत्व है। क्योंकि इसका संबंध मनुष्य के शरीर और मन को स्वस्थ रखने से होता है तथा योग के नियमित अभ्यास से बेहतर एकाग्रता बढ़ती है। योग थीम बसुधैव कुटंुबंकम के लिए योग अर्थात धरती पर सभी लोगों के स्वास्थ्य के लिए योग की उपयोगिता से है। योग प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं उच्च सभ्यता का परिचायक होता है। योग हमारे दैनिक क्रियाकलापों से हमारे विचार, मन और प्रकृति को जोड़ता है, जिससे स्वास्थ्य शरीर में एक स्वस्थ्य मन का वास होकर हमारे मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न करते है। अतः सभी को नियमित रूप से समय निकाल कर योग करना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री चित्रलेखा सोनवानी, सिविल न्यायाधीश सुश्री स्वेता मिश्रा, सुश्री तान्या ब्रम्हे, सुश्री खुषबु जैन सहित अधिवक्तागण, न्यायालयीन अधिकारी एवं कर्मचारियों ने योगाभ्यास कार्यक्रम में हिस्सा लिया।    




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