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निपाह वायरस से संक्रमित नाबालिग ने तोड़ा दम, पुणे से मंगाई जा रही मोनाक्लोनल एंटीबॉडी

तिरुवनंतपुरम। केरल में निपाह वायरस ने एक और जान ले ली। मल्लपुरम जिले में निपाह वायरस से संक्रमित मिले 14 वर्षीय लड़के की रविवार को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह वेंटिलेटर पर था। इसके बाद सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं नाबालिग के संपर्क में आए लोगों के बचाव के लिए केरल ने पुणे एनआईवी से आस्ट्रेलिया से खरीदी गई मोनाक्लोनल एंटीबॉडी मंगाई है।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि निजी अस्पताल में निपाह वायरस का इलाज करा रहे बालक की मौत हो गई। केरल में सितंबर 2023 के बाद इस संक्रमण का मामला फिर से सामने आया था। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बालक 12 मई को निजी क्लीनिक में इलाज कराने पहुंचा था। 15 मई को उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे पेरिंथलमन्ना के निजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां भी ठीक न होने पर बालक को कोझिकोड के निजी अस्पताल में भेजा गया

वहीं बालक की मौत के बाद केरल सरकार ने एहतियाती उपाय लागू करने शुरू कर दिए हैं। कान्टेक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उच्च जोखिम वाले संपर्क को आइसोलेट कर दिया गया है। उनके नमूनों को परीक्षण के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछली बार आस्ट्रेलिया से मोनाक्लोनल एंटीबॉडी खरीदी गई थी, जिनको पुणे एनआईवी में रखा गया था, वे आज केरल पहुंच जाएंगीं। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने मंजेरी मेडिकल कॉलेज में 30 आइसोलेशन वार्ड और छह बिस्तरों वाला आईसीयू बनाया गया है। मलप्पुरम में एक कॉल सेंटर और कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है। मंत्री ने बताया कि वायरस से निपटने के लिए पुणे एनआईवी ने पिछली बार की तरह मोबाइल लैब देने की बात कही है।


संक्रमण से केरल ही निपट सकता है: शशि थरूर
केरल में निपाह संक्रमण का मामला सामने आने के बाद कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह दुखद है। हम युवक के ठीक होने की प्रार्थना करते हैं। केरल पहले भी इस वायरस से निपट चुका है। लेकिन यह विडंबना पूर्ण है कि जिस राज्य में स्वास्थ्य सुविधाएं सबसे बेहतर मानी जाती हैं, उस राज्य में इस बीमारी का इतना प्रसार है। मगर हमें भरोसा है कि अगर कोई इस वायरस से प्रभावीपूर्ण ढंग से निपट सकता है तो वह केरल ही है।

 





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