
महासमुंद : कांपा ग्राम की जय मां दुर्गा महिला स्व सहायता समूह ने फ्लाई ऐश ब्रिक्स (ईंट) निर्माण को आजीविका का साधन बनाया
इस आर्थिक सहायता का सही उपयोग करते हुए, कल्याणी और उनके समूह ने व्यवसाय को मजबूती से खड़ा किया। इस समूह के द्वारा अब तक लगभग तीन लाख फ्लाई ऐश ब्रिक्स (ईंट) का निर्माण कर लिया गया है, जिसको सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में विक्रय कर चुकी है। इस व्यवसाय की शुरुआत में समूह को 1,50,000 रुपये की शुद्ध आय हुई। यह आय न केवल समूह के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संबल बनी, बल्कि इसे महिलाओं के लिए एक नया मार्गदर्शन भी दिया कि वे भी अपने व्यवसाय को शुरू कर सकती हैं और आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
कल्याणी दुबे ने अपने दृढ़ निश्चय से यह साबित कर दिया कि कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती, यदि उसमें मेहनत और हौसला हो। फ्लाई ऐश ब्रिक्स निर्माण जैसे मर्दों के व्यवसाय में कदम रखकर उन्होंने यह दिखाया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं। उनका यह कार्य अन्य स्व सहायता समूहों के लिए प्रेरणा बन चुकी है, और जिले में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं। जय मां दुर्गा महिला स्व सहायता समूह ने इस सफलता के साथ यह संदेश दिया है कि सही दिशा में मेहनत, हिम्मत, और आर्थिक सहयोग से महिलाएं भी किसी भी व्यवसाय में ऊँचाइयों को छू सकती हैं। उन्होंने कहा कि बिहान योजना से मिले सहयोग की वजह से आज हम सब बहने आत्मनिर्भर बने है।
मालूम हो कि स्व सहायता समूह की महिलाएं अक्सर सामुदायिक आर्थिक विकास के लिए साथ मिलकर काम करती हैं। समूह के माध्यम से महिलाएं संयुक्त रूप से धन जुटा सकती हैं, लोन ले सकती हैं, और व्यापारिक क्रियाओं में शामिल हो सकती हैं। इसके अलावा, इन समूहों में महिलाएं आपस में ज्ञान और अनुभव साझा कर सकती हैं, जिससे उनका विकास होता है और उन्हें सामाजिक समरसता की दिशा में भी मदद मिलती है। ये महिलाएं विभिन्न काम करके अपने परिवारों को पालने और अपने जीवनस्तर में सुधार करने का संघर्ष कर अपनी क़िस्मत बदल रही है और समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।