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सरायपाली विधायक ने बच्चों को उसी स्कूल में पढ़ाया जहां पहले वह पढ़ाती थी

बसना। वर्षों जिस स्कूल में पढ़ाने के बाद ऊंचे पद पर चले गए हों और किसी काम से उस गांव की गली में गुजरते समय वह स्कूल दिख जाये तो निश्चित ही विद्यालय के प्रति मन में प्रेम उमड़ना और पुरानी बातें ताजा होना स्वाभाविक है। मन के इन्हीं भावों ने आज सरायपाली विधायक चातुरी नंद को स्कूल तक खींच लाया। वे एक कार्यक्रम में शामिल होने भूकेल पहुंची थी। उसके बाद जिस रास्ते से वह वापस सरायपाली जा रही थीं। उसी रास्ते में बचपन का स्कूल शासकीय प्राथमिक विद्यालय भूकेल दिखाई दिया। उनके मन में अपने विद्यालय और बच्चों के प्रति प्रेम उमड़ पड़ा और वह अपने आप को रोक नहीं सकीं। विद्यालय के पास ड्राईवर से अपनी गाड़ी रूकवाईं और उतर कर सीधे विद्यालय पहुंच गईं।

एक साल पहले तक शिक्षक और बाद में विधायक बनीं चातुरी नंद को पहचानने में बच्चों को देर नहीं लगी। उन्होंने विधायक और अपनी पुरानी शिक्षिका का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया। और जब एक एक बच्चे चरण स्पर्श करने लगे तब विधायक चातुरी नंद ने उन्हें अपनी बाहों में लपेट कर अपने प्रेम और खुशी का इजहार किया। जिस तरह कोई बच्चा पढ़ कर वर्षों बाद घर आता है और अपनी मां से मिलता है। जो खुशी बच्चे और मां की होती है । वही स्थिति आज विधायक चातुरी नंद एवं विद्यालय के बच्चों की बनी रही। एक-एक बच्चे और अपने सहयोगी शिक्षकों से आत्मीयता के ग साथ मिलीं। शिक्षिकाओं को भी गले द लगाया।

इस बीच विधायक श्रीमती चातुरी नंद – आधे घंटे तक बच्चों को किताब लेकर पढ़ाने लगी। पूरे 35 मिनट तक बच्चों को पढ़ाकर कर अपनी पुरानी यादें ताजा कीं। उनकी आखों में ख़ुशी के आंसू देख बच्चों को भी एहसास हो गया




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