महासमुंद : महर्षि विद्या मंदिर में ज्ञान योग दिवस, वार्षिक उत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह
12 जनवरी 2025 को महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय के प्रांगण में ज्ञान योग दिवस, वार्षिक उत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया कार्यक्रम संस्था के अध्यक्ष ब्रह्मचारी गिरीश वर्मा जी द्वारा एवं प्राचार्य आरके तिवारी जी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक योगेश्वर राजू सिंह ,अध्यक्षता कर रहे भाजपा जिला अध्यक्ष येतराम साहू , विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.डॉ. अनुसूईया अग्रवाल (डि.लीट), संदीप दीवान जी एवं किरण डीडी एवं आनंदराम साहू जी भी उपस्थिति रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में संस्था के प्राचार्य आरके तिवारी एवं समस्त अतिथि गणों द्वारा विधिवत रूप से सरस्वती वंदना एवं गुरु वंदना के साथ दीप प्रज्वलित कर एवं देवी सरस्वती,महर्षि महेश योगी जी एवं स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा में माल्यार्पण कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पूजा अर्चना के समय पंडाल में उपस्थित सभी अभिभावक गण एवं विद्यार्थी गण ने भी अपने स्थान से खड़े होकर सरस्वती वंदना एवं गुरु पूजन किया। इसके पश्चात राज्य प्रथम की भावनाओं को मन में रखते हुए सर्वप्रथम राज्यकीय गीत अरपा पैरी के धार के साथ से कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कार्यक्रम में ईश्वर के पूजन के पश्चात अतिथि देवो भव की सूक्ति को चरितार्थ करते हुए संस्था के प्राचार्य आरके तिवारी द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक योगेश्वर राजू सिंह को पुष्पगुच्छ एवं साल भेंट कर सम्मानित किया, एतराम साहू जिला अध्यक्ष महासमुंद के स्वागत के लिए विद्यालय के शिक्षक लोकेश चंद्राकर एवं संदीप शर्मा ने किया , प्रो.डॉ. अनसूया अग्रवाल (डि.लीट) के स्वागत के लिए विद्यालय की शिक्षिका रेखा तिवारी अर्चना गोटमार एवं खुशबू कुलदीप द्वारा किया गया, संदीप दीवान जी के स्वागत के लिए विद्यालय की शिक्षिका किरण पंकज द्वारा किया गया साथ ही किरण डिडी जी के स्वागत के लिए विद्यालय की शिक्षिका अनीता ग्वाल, रितु द्विवेदी एवं किरण पंकज द्वारा किया गया। साथ ही उपस्थित समस्त अतिथि गणों का स्वागत विद्यालय के अन्य शिक्षकों द्वारा किया गया।
स्वागत श्रृंखला की समाप्ति के पश्चात स्वागत उद्बोधन के लिए सर्वप्रथम शाला के प्राचार्य श्री आर के तिवारी जी द्वारा सर्वप्रथम संस्था के अध्यक्ष ब्रह्मचारी गिरीश वर्मा जी का संदेश को बताते हुए कहा कि 12 जनवरी 2025 को हम महर्षि महेश योगी जी के 108 वां जन्मदिन को मना रहे हैं और साथ ही उनके अद्वितीय योगदान योग ध्यान और उनके द्वारा स्थापित ज्ञान युग के संदेश को प्रसारित करने की उद्देश्य के उद्देश्य समर्पित रहा महर्षि महेश योगी ने अपने जीवन में आध्यात्मिक जागरूकता विश्व शांति और मानसिक विकास के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया।अपनी विश्व यात्रा की शुरूआत 1959 में अमेरिका से करने वाले महर्षि योगी के दर्शन का मूल आधार था, 'जीवन परमआनंद से भरपूर है और मनुष्य का जन्म इसका आनंद उठाने के लिए हुआ है। प्रत्येक व्यक्ति में ऊर्जा, ज्ञान और सामर्थ्य का अपार भंडार है तथा इसके सदुपयोग से वह जीवन को सुखद बना सकता है।' वर्ष 1990 में हॉलैंड के व्लोड्राप गाँव में ही अपनी सभी संस्थाओं का मुख्यालय बनाकर वह यहीं स्थायी रूप से बस गए और संगठन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन किया। दुनिया भर में फैले लगभग 60 लाख अनुयाईयों के माध्यम से उनकी संस्थाओं ने आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति और प्राकृतिक तरीके से बनाई गई कॉस्मेटिक हर्बल दवाओं के प्रयोग को बढ़ावा दिया।
कार्यक्रम कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक योगेश्वर राजू सिंह ने भी महर्षि महेश योगी जी एवं स्वामी विवेकानंद जी के जन्मोत्सव की बधाई देते हुए उनके जीवन कार्यों में प्रकाश डाला और सभी को उनके जीवन के अद्भुत कार्यों को बताया। महर्षि महेश योगी (निधन 5 फरवरी 2008) का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम महेश प्रसाद था। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की उपाधि अर्जित की। उन्होंने तेरह वर्ष तक ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती के सानिध्य में शिक्षा ग्रहण की। महर्षि महेश योगी ने शंकराचार्य की मौजूदगी में रामेश्वरम में 10 हजार बाल ब्रह्मचारियों को आध्यात्मिक योग और साधना की दीक्षा दी।
कार्यक्रम में उपस्थित येतराम साहू ने महर्षि महेश योगी जी एवं स्वामी विवेकानंद जी के जन्मोत्सव को युवा दिवस के रूप में मनाए जाने पर सभी को उनके प्रमुख कार्यों का वर्णन किया। उन्होंने बताया की महर्षि महेश योगी का जन्म 12 जनवरी 1918 को छत्तीसगढ़ के राजिम शहर के पास पांडुका गाँव में हुआ था। इन्हें योग और ध्यान की दुनिया में ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन को वापस से पुनर्जीवित करने और उसे देश-विदेश में फैलाने का श्रेय दिया जाता है।
इसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित प्रो.डॉ. अनुसूईया अग्रवाल (डि.लीट) ने बताया हिमालय क्षेत्र में दो वर्ष का मौन व्रत करने के बाद सन् 1955 में उन्होने टीएम तकनीक की शिक्षा देना आरम्भ की। सन् 1957 में उन्होंने टीएम आन्दोलन आरम्भ किया और इसके लिये विश्व के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। महर्षि महेश योगी द्वारा चलाये गए आंदोलन ने उस समय जोर पकड़ा जब रॉक ग्रुप 'बीटल्स' ने 1968 में उनके आश्रम का दौरा किया। इसके बाद गुरुजी का ट्रेसडेंशल मेडिटेशन अर्थात भावातीत ध्यान पूरी पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय हुआ।ट्रांसेंडेंटल मेडिटेशन अर्थात् भावातीत ध्यान (या टीएम) एक मन्त्र है, जो शान्त मुद्रा में दोहराए गए मन्त्र के ऊपर ध्यान केन्द्रित करके आन्तरिक शान्ति और आत्मिक नवीनीकरण प्राप्त करने की एक तकनीक है। जब मन "स्थिर हो जाता," अभ्यासकर्ता विचार से "परे" चले जाने में सक्षम हो जाता है और परम सुख और निस्तब्धता की एक मूक अवस्था में प्रवेश करता है।
अंत में कार्यक्रम उपस्थित किरण डिडी द्वारा भी महर्षि महेश योगी जी एवं स्वामी विवेकानंद जी के जन्मोत्सव की बधाई ज्ञापित की गई एवं सभी शिक्षकों को उनकी मेहनत के लिए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक नंदकुमार साहू एवं रत्नेश तिवारी द्वारा किया गया। गुरु परंपरा को विधिवत रूप से पूजन का कार्य विद्यालय के शिक्षक सुभाष पांडे एवं संदीप शर्मा द्वारा किया गया इसके बाद कार्यक्रम को विधिवत रूप से संचालित करने के लिए अर्चना गोटमार एवं अन्य शिक्षकों ने भी अपना भरपूर योगदान दिया।
विद्यालय के शिक्षक गोविंद सिंह ठाकुर ने विद्यालय के अन्य कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विद्यालय के अन्य कर्मचारियों ने भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं विद्यालय के सभी सीनियर विद्यार्थियों में भी कड़े परिश्रम से विद्यालय के कार्यक्रम को सफलता पूर्वक पूर्ण करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा सुंदर प्रस्तुति प्रदान की गई जिससे सभी अतिथि गणों एवं अभिभावकों को भी अपने नृत्य के माध्यम से अभिभूत किया एवं सभी को मनोरंजित भी किया। कार्यक्रम की शोभा बढ़ाते संस्था के प्रमुख प्राचार्य आरके तिवारी जी के पिताजी 85 वर्षीय भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे जो सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत के समान सभी को प्रकाशित कर रहे थे।