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बसना : कलेक्टर को जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने का आदेश।

बसना। अमूमन पंचायत सचिव को कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए। लेकिन कर्तव्य के प्रति घोर उदासीनता, कदाचरण, स्वेच्छाचारिता, एवं वरिष्ठ अधिकारियो के आदेशो की अवहेलना करने वाले पंचायत सचिव को निलंबित नही करके लम्बे समय तक जांच का खेल जिला पंचायत महासमुन्द में किया जाता है। इस मामले की शिकायत श्रीमती निहारिका बारीक आइएएस प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को किया गया है। इस शिकायत प्रकरण में संचालक पंचायत संचालनालय ने महासमुन्द कलेक्टर को जांच करके आवश्यक कार्यवाही करने का स्पष्ट निर्देश दिये है।

मालूम हो कि ग्राम पंचायत देवसराल में तात्कालीन पंचायत सचिव सुभाष चन्द्र साहू अतिरिक्त प्रभार में था। जो इस पंचायत से हटते समय पंचायत सचिव रेखराज साहू को प्रभार दिया। लेकिन प्रभार के दौरान जानबूझकर पंचायत के स्थावर पंजी, रसीद तथा संदाय पंजी, भाटक पंजी, रसीद पुस्तको का स्टाक, विवाह पंजी, कांजी हाउस पंजी, निरीक्षण पंजी, चेक जारी पंजी, पलायन पंजी, आवक पंजी, जावक पंजी, मांग वसूली पंजी, प्रस्ताव रजिस्टर सहित कई पंजियो व अभिलेखो को बगैर संधारित व पूर्ण किये सौंप दिया। सूचना का अधिकार के तहत आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने जब उक्त पंजियो व अभिलेखो को मांगा। तब रेखराज साहू ने सीईओ जपं पिथौरा को लिखित में 15 नवम्बर 2021 को अवगत कराया। उसे प्रभार के दौरान सुभाष चन्द्र साहू ने बगैर संधारित किये पंजियां व अभिलेखों को सौंपा है।

इसकी लिखित शिकायत विनोद कुमार दास ने 05 दिसम्बर 2022 को किया। जिसमें जपं पिथौरा के 02 अधिकारियो ने 31 जनवरी 2023 को जांच किया। जांच में शिकायत अक्षरशः सही पाया गया। सीईओ जपं पिथौरा ने कार्यवाही हेतु प्रकरण का प्रतिवेदन जिला पंचायत महासमुन्द में 21 फरवरी 2023 को प्रस्तुत कर दिया। जिसमें सच्चिदानंद आलोक सीईओ जिपं महासमुन्द ने 05 जुलाई 2023 को परीक्षण प्रतिवेदन पिथौरा जनपद पंचायत से मांगा। तात्कालीन सीईओ सनत महादेवा ने 04 अगस्त 2023 को परीक्षण प्रतिवेदन भी सौंप दिया। लेकिन सच्चिदानंद आलोक ने सुभाष साहू को प्रथम दृष्टता दोषी पाये जाने के बाबजूद निलंबित नही किया। बल्कि विभागीय जांच संस्थित कर दिया। जबकि सुभाष चन्द्र साहू का कृत्य छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (आचरण) नियम 1998 के विपरीत है। तथा छत्तीसगढ़ पंचायत पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) 1999 के तहत दण्डनीय होने की पुष्टि सच्चिदानंद आलोक ने स्वयं किया है।

जिला पंचायत महासमुन्द में जानबूझकर पंचायत सचिव को संरक्षण देकर जांच लम्बे समय तक खीचते रहे। इसकी दोबारा लिखित शिकायत निहारिका बारीक आइएएस प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को किया। प्रकरण कों संचालक पंचायत संचालनालय के पास भेजा गया। जिससे प्रियंका ऋषि महोबिया भा.प्र.से. ने 03 मार्च 2025 को कलेक्टर महासमुन्द को इस प्रकरण का जांच करके आवश्यक कार्यवाही किये जाने का आदेश दिया है।





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