
बीईओ पिथौरा का गजब खेल, स्कूल का मुआवजा राशि 16,61,163 सरपंच को दिया।
संभागीय संयुक्त संचालक ने जांच करके कार्यवाही हेतु शासन को भेजा जांच प्रतिवेदन।
फोरलेन सड़क निर्माण में शासकीय मिडिल स्कूल भगतदेवरी का अहाता सहित कमरा क्षतिग्रस्त हुआ। जिसके एवज में मुआवजा राशि 16,61,163/- बीईओ पिथौरा को मिला। वर्तमान में सम्पूर्ण राशि खर्च हो चुका है। लेकिन 07 साल बाद भी अहाता सहित कमरा निर्माण पूर्ण नही हुआ है। जिसकी उच्च स्तरीय शिकायत की गई। कमलेश ठाकुर बीईओ पिथौरा एवं अन्य के विरूद्व कार्यवाही के लिए अनुशंसा करके संभागीय संयुक्त संचालक ने छत्तीसगढ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय को सम्पूर्ण जांच प्रतिवेदन भेज दिया है।
मालूम हो कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने अमिताभ जैन आइएएस मुख्य सचिव, सिद्वार्थ कोमल परदेशी आइएएस सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, राकेश पांडेय संभागीय संयुक्त संचालक को लिखित शिकायत 27 अगस्त 2024 को साक्ष्य सहित किया है। जिसमें अजीत सिंह जाट सहायक संचालक एवं रमेश कुमार देवागंन वरिष्ठ लेखा परीक्षक को 13 सितम्बर 2024 को जांचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया। इन दोनो जांचकर्ता अधिकारियो ने जांच में शिकायत सही पाया। जांच करके रिपोर्ट सौंप दिया।
अनुविभगीय अधिकारी(राजस्व ) पिथौरा को 06 अगस्त 2018 को बीईओ पिथौरा ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। जिसमें बीईओ ने उक्त राशि को अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाते में देने की मांग किया। जिस कारण से मुआवजा राशि बीईओ पिथौरा को 07 अगस्त 2018 को मिला। बीईओ कमलेश ठाकुर ने बकायदा इकरारनामा किया है कि मुआवजा राशि का बजट एवं खर्च की जानकारी न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी(रा) पिथौरा एवं जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द को दूंगा। बीईओ ने सरपंच भगतदेवरी को 16,61,163/- रूपये 01 जुलाई 2020 को प्रदाय कर दिया। इसकी जानकारी बीईओ ने उच्च कार्यालय में नही दिया।
बताना जरूरी है कि इस निर्माण कार्य में ग्राम पंचायत ना तो कार्य एजेन्सी है। ना संबंधित विभाग से कार्य स्वीकृति हुआ है। ना स्टीमेट रिपोर्ट है। ना निर्माण कार्य का मूल्याकंन किया गया है। सूत्रो के अनुसार कपितय जनप्रतिनिधियो के मौखिक सिफारिश से यह राशि बीईओ ने सरपंच को दिया है। इसलिए सरपंच व सचिव दोनो ने भी जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत को राशि के सम्बंध में कोई जानकारी नही दिया।
संभागीय संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने बताया है कि इस शिकायत प्रकरण की जांच पूर्ण हो चुका है। बीईओ पिथौरा दोषी पाये गये है। इनके विरूद्व कार्यवाही इस कार्यालय से नही कर सकते है। इसलिए जांच प्रतिवेदन को शासन स्तर में प्रस्तुत कर दिया गया है।