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बसना : बिजली करंट से अपने बच्चे को बचाने मां ने किया अपने जान का बलिदान

गंभीर संकट से अपने बच्चों को बचाने मां का अनेक उदाहरण दुनिया में मौजूद है । अपने बच्चों की पीड़ा या संकट उससे देखी नहीं जाती। वह गंभीर संकट में भी अपने बच्चों को बचाने अपनी जान की परवाह किए बिना जान जोखिम में डालकर अपने बच्चों को बचा ही लेती है । चाहे इसमें उसकी जान भी देना पड़े तो वह जान देने के लिए तैयार रहती है । ऐसा ही एक मामला ग्राम पौसरा का देखने को मिला। जब अपने बच्चे को बिजली करंट से बचाने अपनी जान के परवाह किए बिना वह दौड़ पड़ी । बिजली करंट से उसका बच्चा तो बच गया लेकिन इस जद्दो जहद में अपने बच्चे को बचाने के लिए मां को जान की कुर्बानी देनी पड़ी। बिजली करंट से बच्चा तो बच गया लेकिन उसकी 35 वर्षीय मां की मौत हो गई ।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पौसरा के सत्यानंद साहू पान ठेला एवं फास्ट फूड बनाकर गांवों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम स्थलों एवं मेला में स्टॉल लगाकर पान एवं फास्ट फूड बेचने का काम करता है । वह उड़ीसा पदमपुर में आयोजित सात दिवसीय शीतल षष्ठी मेला में दो दिन पहले स्टॉल लगा कर पान एवं फास्ट फूड बेचने गया था । साथ में उसकी पत्नी सन्तोषिनी साहू 35 वर्ष एवं 9 वीं कक्षा में अध्यनरत उसका बेटा रिंकू साहू उम्र 15 वर्ष गर्मी छुट्टी होने के कारण अपने माता पिता के साथ गया हुआ था। कल प्रातः आठ बजे उसका 15 वर्षी बेटा रिंकू साहू पड़ोसी के ऑटो को चालू करने अन्य लोगों के साथ धक्का दे रहा था। तभी ऊपर गुजरे छिले हुए बिजली वायर से ऑटो बिजली में करंट प्रवाहित हो जाने से कई लोगों को झटका लगा। बिजली का वायर रिंकू के हाथ में आजाने से वह बिजली करंट से चिपक गया । और वह चिल्लाने लगा । पास में मौजूद उसकी मां ने जब देखा कि उसका बच्चा बिजली करंट में चिपक गया है । उसने बिना कोई देरी किए नंगे पांव दौड़कर अपनी जान की बाजी लगाते हुए बच्चे के हाथ से वायर को खींचकर अलग किया । इस दरमियान बिजली करंट से उसका बच्चा तो बच गया छिले हुए वायर उसकी मां के हाथ लग गया। वह बिजली करंट में चिपक गई। अपने बच्चे को बचाने के जद्दो जहद में मां सन्तोषिनी साहू को अपने प्राण की कुर्बानी देनी पड़ी। बिजली करंट से उसकी मौत हो गई । घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण पहुंचे किसी तरह विद्युत लाइन को बंद कराया गया । उसके बाद उक्त महिला को स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया जहां डॉक्टर ने परीक्षण उपरांत मृत घोषित कर दिया । इस तरह इस घटना में एक मां ने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए अपने ही जान को बलिदान कर दिया । मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवा कर पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया। कल शाम ओड़िशा से शव को पौसरा छत्तीसगढ़ लाया गया । जहां हिंदू रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया ।


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