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Grameen Credit Score 2025: सरकार ला रही है ग्रामीण क्रेडिट स्कोर सिस्टम!

केंद्र सरकार ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 में "ग्रामीण क्रेडिट स्कोर" (Grameen Credit Score) की शुरुआत का ऐलान किया था, और अब यह योजना जल्द ही धरातल पर उतरने वाली है। इस स्कोर के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़े ग्रामीणों को उनके आर्थिक प्रदर्शन के आधार पर एक क्रेडिट स्कोर मिलेगा, जिससे उन्हें बैंक लोन लेने में आसानी होगी।

सरकार का उद्देश्य है कि अब गांवों के लोगों को लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वित्तीय सेवाएं विभाग (DFS) ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्रामीण क्रेडिट स्कोर का एक मजबूत फ्रेमवर्क तैयार करें। यह स्कोर ग्रामीण लोगों, खासकर SHG के सदस्यों की आर्थिक स्थिति और लोन चुकाने की क्षमता को डिजिटल रूप से परखने में मदद करेगा।


इस फ्रेमवर्क में स्वामित्व योजना की भी मदद ली जाएगी, जिसमें ग्रामीण संपत्तियों की डिजिटल जानकारी पहले से मौजूद है। इसके आधार पर माइक्रो उद्यमियों को ₹5 लाख तक का क्रेडिट कार्ड जारी किया जा सकेगा। इससे ना केवल उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने का अवसर मिलेगा, बल्कि बैंकिंग सिस्टम में उनका विश्वास भी बढ़ेगा।

ग्रामीण क्रेडिट स्कोर से जुड़े कई फायदे हैं—

गांव के लोग आसानी से बैंक लोन ले सकेंगे।
उन्हें लोन के लिए गारंटी या बार-बार आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।
ब्याज दरें भी पारदर्शी होंगी और प्रक्रिया तेज होगी।
इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा आएगी और स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का मानना है कि यह योजना न केवल ग्रामीणों की आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करेगी, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर गांवों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगी।


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