
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के स्कूल ऑफ फार्मेसी को कोर्सज शुरू करने की दी मंजूरी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत
यूपी अब एआई आधारित शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहचान बना रहा है। इसका प्रमुख कारण है भारत का पहला एआई-सपोर्टेड मल्टीडिसिप्लिनरी कैंपस — चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी। हाल ही में सीयू यूपी के स्कूल ऑफ फार्मेसी को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ‘पीसीआई’ से मान्यता प्राप्त हुई है। पीसीआई ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, लखनऊ कैंपस को शैक्षणिक सत्र 2025 से फार्मेसी कोर्स में 60 सीटों की पढ़ाई शुरू करने की औपचारिक स्वीकृति दी है।
स्कूल ऑफ फार्मेसी एआई तकनीक से सुसज्जित है, जहां इंडस्ट्री की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर एजुकेशनल मॉडल को तैयार किया गया है। यहां छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल नॉलेज देने की पूरी व्यवस्था है, ताकि वे भविष्य में एक सफल हेल्थकेयर प्रोफेशनल बन सकें।
रिसर्च-फोकस्ड लर्निंग के लिए हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चरः स्कूल ऑफ फार्मेसी में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस इकोसिस्टम डेवलप किया गया है, जहाँ छात्र फार्माकोकाइनेटिक्स, क्लिनिकल फार्मेसी, मेडिसिनल केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर रिसर्च प्रोजेक्ट्स में सक्रिय रूप से भाग लेने के अवसर मिलेंगे। अगर सिलेबस की बात करें तो यह अंतरराष्ट्रीय स्तर के इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स और शिक्षाविदों की मदद से इस तरह डिजाइन किया गया है कि छात्र पारंपरिक और आधुनिक दोनों विषयों को गहराई से समझ सकें और अपनी स्किल्स को इंडस्ट्री की मांगों के अनुसार धार दे सकें।
इसके साथ ही छात्रों को इंटर्नशिप और रिसर्च प्रोजेक्ट्स से जुड़े कार्यों में भाग लेने के अवसर भी मिलेंगे, जिससे उनकी पढ़ाई न केवल किताबी ज्ञान तक सीमित रहेगी, बल्कि व्यावहारिक और अनुभव आधारित भी बनेगी।
फार्मेसी क्षेत्र में लगातार बढ़ रही प्रोफेशनल्स की मांगः ग्लोबल फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री की बात करें तो 2024 से 2029 तक इसकी अनुमानित ग्रोथ दर 4.7% है, और यह बाज़ार 2029 तक लगभग 1,454 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकता है। इसका मतलब है कि फार्मेसी क्षेत्र में भविष्य में भी नौकरी के बेहतरीन अवसर उपलब्ध रहेंगे। जिसको ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी ने हाइटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स, व लैब्स के साथ अनुकूल माहौल तैयार किया है। जिससे इंडस्ट्री रेडी वर्कफोर्स तैयार की जा सके।
इंडस्ट्री कोलैबोरेटेड एजुकेशन से सुनहरा भविष्यः चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उन्नाव के स्कूल ऑफ फार्मेसी में पढ़ने वाले छात्र क्लिनिकल रिसर्च एसोसिएट, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी स्पेशलिस्ट, रेगुलेटरी अफेयर्स ऑफिसर, क्वालिटी कंट्रोल एनालिस्ट और मेडिकल राइटर जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं। यहां छात्रों को गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेस, गुड लैबोरेटरी प्रैक्टिसेस और गुड क्लिनिकल प्रैक्टिसेस जैसी रेगुलेटरी ट्रेनिंग भी दी जाएगी है, जिससे वे किसी भी रेगुलेटेड इंडस्ट्री में काम करने के लिए पूरी तरह तैयार हो सकेंगे।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, यूपी का स्कूल ऑफ फार्मेसी शिक्षा, तकनीक और इंडस्ट्री के बेहतरीन मेल का उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां के छात्र सिर्फ अकादमिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि रिसर्च, इंडस्ट्री ट्रेनिंग और इंटर्नशिप के माध्यम से एक संतुलित और सफल करियर की दिशा में भी आगे बढ़ सकते हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी ने कई प्रमुख कंपनियों और संस्थाओं के साथ एमओयू किए हैं, जिससे छात्रों को नौकरी के लिए ज़रूरी स्किल्स सीखने और बेहतर करियर विकल्पों को चुनने के अनेक अवसर मिलेंगे।
स्कूल ऑफ फार्मेसी का नेतृत्व प्रो. डॉ. अमित वर्मा कर रहे हैं, जिनके पास 20 वर्षों से अधिक का अंतरराष्ट्रीय, शैक्षणिक और औद्योगिक अनुभव है। उन्होंने मेडिसिन रिसर्च, रेगुलेटरी डाक्यूमेंटेशन, ड्रग डेवलपमेंट और इनोवेशन के क्षेत्रों में अहम योगदान दिया है। वे भारत और विश्व की प्रमुख संस्थाओं व फार्मा कंपनियों के साथ मिलकर काम भी कर चुके हैं।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश के बारे में
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश का लक्ष्य है कि वह सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा दे और आने वाले समय के ग्लोबल लीडर्स को तैयार करे। इस यूनिवर्सिटी में 21वीं सदी के छात्रों को सीखने का ऐसा मौका मिलता है जिसमें वे अनुभव से पढ़ते हैं। यहाँ पढ़ाई का तरीका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है और यह अलग-अलग विषयों को मिलाकर एक आधुनिक और भविष्य की सोच वाला माहौल देता है।
यह कैंपस पंजाब की प्रसिद्ध चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की 10 वर्षों से अधिक की पुरानी शैक्षणिक विरासत को आगे बढ़ाता है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी को देश की नंबर 1 प्राइवेट यूनिवर्सिटी माना गया है और यह अपनी बेहतरीन पढ़ाई और रिसर्च में नए प्रयोगों के लिए जानी जाती है।
उत्तर प्रदेश का यह नया एआई सपोर्टेड कैंपस ऐसे कोर्सेज़ देता है जो इंडस्ट्री की ज़रूरतों के हिसाब से बनाए गए हैं। इसमें छात्रों को डेटा के आधार पर जानकारी समझने, वर्चुअल रियलिटी का अनुभव लेने, असली दुनिया जैसे हालातों में सीखने, कॉर्पोरेट एक्सपर्ट्स से गाइडेंस पाने और अंतरराष्ट्रीय नजरिए से पढ़ाई करने का मौका मिलता है। साथ ही यहाँ रिसर्च, स्टार्टअप्स, एंटरप्रेन्योरशिप और प्रोफेशनल स्किल्स को भी बढ़ावा दिया जाता है।
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