
सरायपाली के दूरस्थ 67 विद्यालयों मे शिक्षकों की पदस्थापना से शिक्षण व्यवस्था हुई सशक्त, ग्रामीण पालकों और बच्चों में खुशी की लहर
राज्य सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़, संतुलित और समान अवसर प्रदान करने की दिशा में युक्तियुक्तकरण नीति लागू की गई ।इस नीति के लागू होने से पूर्व एक ओर जहाँ कुछ विद्यालयों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक संख्या में पदस्थ थे, वहीं दूसरी ओर कई दूरस्थ गांवों के विद्यालय शिक्षक विहीन अथवा एकल शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहे थे। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी और पालकों में भी निराशा व्याप्त थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत इन विषमताओं को दूर करते हुए जिले के सरायपाली विकासखंड के डोंगररक्शा, बांदुपाली, मोहगांव, पलसापाली, बंदलीमाल, गूठानीपाली, साल्हेभांटा, चारभंटा, कोइलबहाल आदि जैसे ऐसे कई विद्यालय जहाँ विगत 10 वर्षों से शिक्षक नहीं थे या केवल एक ही शिक्षक पदस्थ था, वहाँ अब आवश्यकतानुसार 2 से 3 शिक्षकों की पदस्थापना की गई है।
इसी प्रकार प्राथमिक शाला बहेरापाली, घेसपाली, कंवरपाली, छुईयापाली, अमलीडीपा, बेलमुंडी, खैरझिटकी, सिरशोभा, देवलभांटा, टिभूपाली एवं कोकड़ी जैसी शालाओं में भी शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, जिससे विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त होगी। इस पूरी प्रक्रिया के अंतर्गत विकासखंड सरायपाली की कुल 66 प्राथमिक शालाएं एवं 1 उच्च प्राथमिक शाला ऐसी रही जहाँ शिक्षकों की कमी थी। अब वहाँ आवश्यकता अनुसार 2-3 शिक्षकों की पदस्थापना की जा चुकी है। इस बदलाव से संबंधित गांवों के ग्रामीण पालकगण और विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य अत्यंत प्रसन्न हैं। वे इस महत्वपूर्ण और दूरदर्शी नीति के लिए शासन का आभार व्यक्त कर रहे हैं और आशा कर रहे हैं कि यह सुधार शिक्षा के स्तर को और अधिक ऊंचाई देगा।
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