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अफगान प्रोजेक्ट पर भारत-चीन मिलकर करेंगे काम, बढ़ाएंगे रणनीतिक बातचीत

नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस बार का चीन दौरा काफी अहम रहा और दोनों नताओं के बीच हुई सीधी वार्ता में शांतिपूर्ण रिश्तों पर जोर दिया गया। इस मुलाकात को नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है। मोदी-जिनपिंग की बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों के बीच इन मुलाकातों से सकारात्मक बातें निकलकर आई हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण रिश्तों पर जोर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक भारत और चीन के बीच अफगानिस्तान मसले को लेकर अहम चर्चा हुई। भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता के अनुसार दोनों देश अफगानिस्तान में साथ मिलकर काम करेंगे और संयुक्त आर्थिक भागीदारी होगी। दोनों देशों ने अफगानिस्तान में शांति कायम करने और आर्थिक मोर्चे पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई है, ताकि यहां से आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।

भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रे स कर दोनों देशों के बीच वार्ता की दी अहम जानकारी

  • -मोदी और जिनपिंग के बीच व्यापार और पर्यटन के मुद्दे पर बातचीत हुई। 

  • -दोनों शीर्ष नेताओं ने गंगा नदी की सफाई और खेलों के मुद्दों पर भी चर्चा की।

  • -पीएम मोगी ने स्ट्रेंथ की बात की जो शी जिनपिंग को पसंद आई।

  • -भारत-चीन की फिल्में दोनों देशों में दिखाई जाएंगी।

  • -भारत-चीन विश्व की दो बड़ी शक्तियां हैं और दोनों ने तय किया है कि हम शांतिपूर्ण रिश्ते बनाए रखेंगे।

  • -दिल्ली से तय हुआ था कि कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन दोनों देश कुछ मुद्दों पर सहमत हुए हैं।

  • -भारत-चीन की पूरी सीमा पर शांति बनी रहेगी।

  • -आतंकवाद से दोनों देशों को खतरा, दोनों देशों ने साथ मिलकर लड़ने पर भरोसा जताया है।

  • -आतंकी मसूद अजहर को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत नहींं हुई।

  • -भारत-चीन की पूरी सीमा पर शांति बनाए रखने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए बातचीत हुई है।

  • -'डे टू जे एफर्ट' के जरिए सीमा विवाद को खत्म करने की कोशिश की जाएगी।




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