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जोबी महाविद्यालय में संवैधानिक मूल्य और मानवाधिकार पर सेमिनार आयोजित

जोबी कॉलेज में संवैधानिक मूल्य और मानवाधिकार पर कार्यशाला संपन्न

जोबी महाविद्यालय के बच्चों ने जाने मानवाधिकार, समझे संवैधानिक अधिनियम

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”शुक्रवार को शासकीय महाविद्यालय जोबी ने संवैधानिक मूल्य और मानवाधिकार सेमिनार का आयोजन किया। मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत का संविधान और उनके अधिकारों के महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक करना था।“



रायगढ़:- शैक्षिक उत्थान के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के पथ पर तेजी से उभर कर सामने आ रहे जिले के दूरस्थ ग्रामीण अंचल स्थित शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय महाविद्यालय जोबी-बर्रा में भारतीय संविधान और मानवाधिकार के मुद्दे पर एक दिवसीय वृहत्तर सेमिनार का आयोजन शुक्रवार दिनांक 08 दिसम्बर 2023 को किया गया। आयोजन, उच्च शिक्षा विभाग के मापदंड अनुरूप प्राचार्य श्री रविन्द्र कुमार थवाईत के निर्देशानुसार महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के बैनर तले अजीम प्रेमजी जैसे नामी फाउंडेशन के समन्वय से सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।

सर्वप्रथम प्राचार्य श्री थवाईत द्वारा मुख्य अतिथियों का स्वागत उद्बोधन किया गया। तत्पश्चात श्री थवाईत ने संवैधानिक प्रस्तावना का वाचन कर एक-एक शब्द की बारीकी से व्याख्या की और उनका अर्थ समझाया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है जो 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ था। इसमें देश के संघीय क्षेत्र, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रणालियों को निर्धारित किया गया है। संवैधानिक मूल्य और मानवाधिकार अविवादित रूप से एक-दूसरे से जुड़े होते हैं और यही एक समृद्धि भरे समाज की नींव हैं।

विदित हो कि इस सम्मेलन में कई विशेषज्ञ और विद्वान् अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वेच्छा से भागीदार बने। मुख्य रूप से अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के श्री तन्मय चक्रवर्ती ने कहा कि विद्यार्थियों को संवैधानिक मूल्यों को जानना बेहद जरूरी है, जिससे कि हम सभी के हित में मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए समर्थ हों। व्याख्यान के दौरान उन्होंने मौलिक और अपरिहार्य पहचान, बिना किसी भेद-भाव सभी का समान सम्मान, स्वतंत्रता समर्थन, कर्तव्य निर्वहन और नियम उल्लंघन नही करना, आत्मरक्षा, बचाव, धर्म-आस्था आदि महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। साथ ही फाउंडेशन के श्री किशन रात्रे ने उक्त मसले को लेकर वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देश-दुनिया द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

सम्मेलन के बढ़ते क्रम में सवाल-जवाब प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने सहायक प्राध्यापक एवं महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी श्री सुरेन्द्र पाल दर्शन के समक्ष अपने विचार और अध्ययन के परिणामों को साझा किया। श्री दर्शन ने प्रश्नों के उत्तर देते हुए स्पष्ट किया कि संवैधानिक मूल्यों और मानवाधिकारों का पालन आपकी और हरेक भारतीय के हितों की रक्षा का मूल है। यह हर व्यक्ति के समर्थन, सुरक्षा और सम्मान की आवश्यकता को पूरा करने का हक प्रदान करता है। जो इसे अमल में लाते हैं, इसके अनुरूप जीवन जीते हैं, उनका कोई हनन नहीं कर सकता। अंतिम चरण में श्री दर्षन ने विद्यार्थियों को संविधान का पालन करने की शपथ दिलाई और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वे सम्मेलन के विचारों को अपने जीवन में अमल में लाएं, ताकि समाज में न्याय और समानता की भावना बनी रहे।

उल्लेखनीय है कि इस सेमिनार में अतिथि व्याख्याता श्री राहुल राठौर एवं श्री रितेश राठौर दोनों ने किस्से, प्रेरक कहानियां और चुटकुलों के जरिए बडे़ ही रोचक अंदाज मे मंच संचालन कर विद्यार्थियों का ध्यानाकर्षण बनाए रखा। सेमिनार में बीए, बीएससी और बीकॉम तीनों कक्षाओं के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उन्हें उनके अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया गया।

इस दौरान सहायक प्रध्यापक श्री वासुदेव प्रसाद पटेल, सहायक प्राध्यापक श्री योगेन्द्र कुमार राठिया, श्रीमती डॉ. श्वेता कुम्भज, श्रीमती डॉ. ज्ञानमणी एक्का सहित अतिथि व्याख्याता श्री राम नारायण जांगड़े, श्री रितेश राठौर एवं श्रीमती रेवती राठिया सहित महाविद्यालय के अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।




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