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चाणक्य नीति : मुश्किल समय में याद रखें ये 5 बातें...

आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु थे। उन्हें महान ज्ञानी और विद्वान कहा जाता है। आचार्य चाणक्य ने एक नीति शास्त्र की रचना की है जो चाणक्य नीति के नाम से जानी जाती है। चाणक्य नीति आपको अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने में मदद करती है। यदि आप चाणक्य नीति को पूरी तरह से पढ़ते हैं और उसका अनुसरण करते हैं, तो कोई भी आपको सफल होने से रोक नहीं सकता। साथ ही आप कभी भी किसी धोखे का शिकार नहीं होंगे और जीवन में हमेशा सफलता पाएंगे। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में ऐसी कई बातें बताई हैं, जो व्यक्ति का सही मार्गदर्शन करती हैं। चाणक्य नीति में बताया गया है कि व्यक्ति को संकट के समय पांच बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। ये पांच बातें इस प्रकार हैं...

सावधानी
चाणक्य नीति के अनुसार मुसीबत के समय व्यक्ति को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि संकट काल में व्यक्ति के पास सीमित अवसर होते हैं और चुनौतियां बड़ी होती हैं। ऐसे में जरा सी चूक बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए सावधानी बहुत ही जरूरी है।

परिजनों की सुरक्षा का ध्यान
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि संकट के समय परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाना व्यक्ति का पहला कर्तव्य होना चाहिए। साथ ही परिवार के लोगों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करने से आप किसी भी मुसीबत से बाहर निकल सकते हैं।

रणनीति
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को संकट काल से उभरने के लिए ठोस रणनीति की आवश्यकता होती है। व्यक्ति जब संकट के समय में उससे भरने की रणनीति बना लेता है, तो वह उस नीति के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से कार्य करता है और अंत में विजय पाता है। वहीं जिन लोगों के पास आपातकालीन स्थिति में कोई रणनीति नहीं होती है, उन्हें हानि उठानी पड़ती है। इसलिए संकट काल में सावधानी जरूर बरतें।

सेहत का ध्यान
चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को सबसे पहले अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि यही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। अगर आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो आप हर वो प्रयास करने में सक्षम होंगे जो आपको संकट से बाहर निकाल सकता है। आप अपनी मानसिक और शारीरिक बल से चुनौतियों को मात देने में सफल हो सकते हैं।

धन की बचत
व्यक्ति को संकट के समय के लिए धन संचय करके रखना चाहिए। अगर आपके पास धन का प्रबंध ठीक है तो आप बड़े से बड़े संकट से निकलने में सफल हो सकते हैं, क्योंकि संकट के समय सच्चा मित्र धन ही होता है। जिस व्यक्ति के पास संकट के समय धन का अभाव होता है ,उसके लिए संकट से उभरपाना बड़ा ही कठिन हो जाता है।




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