
महासमुंद : कलेक्टर ने किया स्कूल, आंगनबाड़ी, इंजेक्शन वेल और पीएम जनमन आवास का निरीक्षण
ग्राम बनपचरी में आंगनबाड़ी केंद्र के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने वहां उपलब्ध सुविधाओं, पोषण आहार की गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति, टीकाकरण और स्वच्छता की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित किया कि बच्चों को समय पर गर्म भोजन, साफ-सफाई और पोषण से भरपूर आहार सुनिश्चित कराया जाए। कलेक्टर ने केन्द्र में कुपोषित बच्चों की जानकारी ली। साथ ही देने वाले गरम भोजन की भी जानकारी ली। उन्होंने गर्भवती माताओं को नियमित पूरक पोषण आहार वितरण की भी जानकारी ली। साथ ही पंजी संधारण करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात कलेक्टर ने शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल और प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने कक्षाओं में जाकर शिक्षण कार्य की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया तथा विद्यार्थियों से संवाद भी किया। शिक्षकों की उपस्थिति, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, शिक्षण सामग्री की उपलब्धता एवं भौतिक अधोसंरचना की स्थिति की भी उन्होंने जानकारी ली। कलेक्टर ने बच्चों से संवाद करने के दौरान कहा कि मोबाइल का कम से कम उपयोग करें। उन्हांने जीवन में पढ़ाई के महत्व को बताते हुए कहा कि कठिन मेहनत और लगन का कोई विकल्प नहीं है। वर्तमान में नींव मजबूत होगा तभी भवन टिक सकेगा।
विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद करते हुए अपने अनुभव भी साझा किए।
तत्पश्चात निर्माणाधीन प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को दिए गए मकानों का अवलोकन करते हुए कलेक्टर ने निर्माण की गुणवत्ता और आवास में मूलभूत सुविधाओं की उपस्थिति की जांच की। उन्होंने निर्देश दिए कि अधूरे कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। इस दौरान महिला समूहों को सेंट्रिंग प्लेट व्यवसाय देने के लिए निर्देश दिए। इस दौरान ग्राम में उन्होंने जनभागीदारी से जल संरक्षण के तहत बनाए गए इंजेक्शन वेल का निरीक्षण भी किया। उपस्थित ग्रामीणों को जल संरक्षण के आसान उपयों को अपनाने के लिए सुझाव दिए। कलेक्टर ने कहा कि अपने घरों के आसपास सोख्ता गड्ढा अवश्य बनाएं और बंद पड़े बोर को इंजेक्शन वेल के रूप में तब्दील करें। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक, जनपद पंचायत सीईओ बी.एस. मांडवी, ग्राम सरपंच सहित अन्य स्थानीय अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। कलेक्टर ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से फील्ड में जाकर कार्यों की प्रगति पर नजर रखें और योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों से भी संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को आवश्यक समाधान हेतु निर्देश दिए।