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बाजार टेक्स के नाम पर सरपंच की उगाही !

पिथौरा जनपद अंतर्गत नव निर्वाचित जगदीशपुर सरपंच दीपिका मिंज एवं पंचों द्वारा कार्य भार ग्रहण करने के बाद प्रतिनिधियो के कार्य प्रणाली में संदेह नजर आ रहा है.

जगदीशपुर के हाट बाजार में बाजार टेक्स के नाम से हर हप्ते जो वसूली पंच पति एवं पंचों द्वारा किया जा रहा है जिसमे पंच पतियों का प्रथम दृष्टिया दखलंदाजी हावी होना दिख रहा है. पंचायत की हाट बाजार टेक्स की बडी लापरवाही देखने को मिली है जिसमे पहला तो टेक्स में बिना रसीद क्रमांक के रसीद हैं, दूसरा बिना कार्बन कॉपी की हैं. तीसरा रसीद बुक की प्रिंट दर के 5 रुपये को काट कर 20 रुपये सब्जी भाजी व्यापारियों से लिया जा रहा है. एवं मछली, कपड़ा,  हॉटल एव बड़े व्यापारियों से 20 से अधिक रुपये लिया जा रहा है.

अगर पंचायत द्वारा किसी अधिकारी को बाजार टैक्स की जानकारी देना या लेना पड़े तो किस आधार पे पंचायत जानकारी दे सकती हैं ये समझना संदेहपूर्ण हो रहा है, क्योकि बाजार टैक्स के रसीद बुक में  ना तो कार्बन कॉपी है ना ही क्रमांक, तो हिसाब किस आधार पे पंचायत द्वारा हिसाब दिया जाएगा यह बड़ी बात है.

अगर एक छोटे से कार्य में लापरवाही पंचायत द्वारा देखा जा रहा है. तो अगर पंचायत को बड़े-बड़े कार्य दिया गया तब भी शायद लापरवाही बड़ी देखी जा सकती हैं. जबकि पूर्व पांच साल की जानकारी भी वर्तमान सरपंच द्वारा नही लेना स्टाचार हो बढ़ावा देना होगा.

अगर देखा जाए तो एक बाजार में छोटा सा अनुमानित राशि हप्ते में 4,000 हजार तक आ जाता हैं. तो साल भर में 2,08,000 रुपए होता हैं. फिर पांच साल का हिसाब निकाला जाए तो 10,40,000 रुपया अनुमानित हैं. इस राशि से कम या ज्यादा हो सकता है.

यह राशि का हिसाब वर्तमान सरपंच एवं पंच द्वारा अब तक नही लिया जाना यह साबित होता हैं कि वे भी भष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है. और बिना हिसाब लिए ही वर्तमान पंचायत द्वारा बाजार टेक्स लेना भी संदेहपूर्ण हो रहा है. अब यह माना जाए कि बाजार टैक्स एक कमाई का जरिया बन गया हैं चाहे पूर्व पंचायत के पंच सरपंच और सचिव हो या वर्तमान पंचायत के पंच, सरपंच व् सचिव हो.




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