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कोरोना का कहर, 4 दशक में चीन की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट.

कोरोना का कहर पूरी दुनिया में फैल गया है और इस खतरनाक बीमारी की शुरुआत चीन से हुई, यहीं से यह बीमारी दुनियाभर में फैल गई. शुरुआत में कोरोना से परेशान रहे चीन को इस कारण आर्थिक स्तर पर भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ा.

चीन को पहली तिमाही में कम से कम वर्ष 1970 के दशक के बाद से सबसे खराब आर्थिक गिरावट का सामना करना पड़ा. कोरोना वायरस के कारण चीन को खपत और निर्माण दोनों में भारी कमी का सामना करना पड़ा जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा. माना जा रहा है कि उसे अभी पुरानी स्थिति बहाल करने में लंबा वक्त लगेगा.

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश में शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोरोना की वजह से फैक्ट्री, दुकानों और यात्रा बंद होने के कारण मार्च तक साल के शुरुआती तीन महीनों में 6.8% की गिरावट आई है.

कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है और माना जा रहा है कि आगे भी कुछ समय के लिए यही स्थिति रहेगी. पूर्वानुमान के अनुसार निर्यातकों को और गिरावट का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि वायरस के कारण अमेरिका और यूरोप में स्थिति अभी भयावह है.

कुछ पूर्वानुमानों में 16% तक की गिरावट का आकलन किया गया था, लेकिन 1979 में आर्थिक सुधार के बाद चीन का अब तक का यह सबसे खराब प्रदर्शन है.

पिछले साल कमजोर उपभोक्ता मांग के कारण निर्यात में कमी आने और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ टैरिफ युद्ध के कारण आर्थिक विकास दर 6.1% से कई गुना कम हो गई थी.

बीजिंग में रूशी फाइनेंस इंस्टीट्यूट में अर्थशास्त्री जू जेनक्सिन का कहना है कि मुझे नहीं लगता कि हम चौथी तिमाही या साल के अंत तक अर्थव्यवस्था बहाल कर पाएंगे.




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