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कलेक्टर के निर्देश पर पिरदा सोसायटी की दुबारा हुई जांच, करोडो के घोटाले का हुआ उजागर.

पिथौरा. पिरदा सोसायटी की धान खरीदी में व्याप्त बेतहासा अनियमितताओं की अंततः आज दूसरी बार जाँच सम्पन्न हुई. एस. डी. एम. की उपस्थिति में तहसीलदार एवं अन्य पांच अधिकारियो की टीम ने कलेक्टर के निर्देश पर पिरदा सोसायटी की जाँच की। आश्चर्य की बात तो यह है कि हप्ते भर पहले जिस सोसायटी को जाँच अफसरों ने धान खरीदी मसले पर क्लीन चिट दे दिया था,आज मौके पर शिकायतकर्ताओ की उपस्थिति में किये गये जाँच में वँहा 5 हजार क्विंटल से अधिक धान की कमी पायी गयी। साथ ही धान खरीदी हेतु शासन से निर्धारित अन्य मापदण्डो का भी खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया गया।सवा करोड़ से अधिक की इस अफरातफरी पर परदा डालने की कोशिशों में लगे सहकारी अफसरों को इस समय तगड़ा झटका लगा जब जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ जाँच स्थल पर पहुँच गयी और जब तक जाँच कार्य संपन्न नही हुआ तब तक वही डटी रही।

पिथौरा से अफसरों की टीम ने इस चर्चित धान सोसायटी का जाँच करते वक्त यह भी देखा कि खरीदी के अन्य मानदण्डों का भी पालन नही किया गया है।पानी निकासी की उचित व्यवस्था (ड्रेनेज सिस्टम)का सर्वथा आभाव पाया गया।फीको का अनुपालन नही किया गया था।अमानक धान की खरीदी की गयी है।

दिलचस्प बात यह है,की प्रथम जाँच और द्वितीय जाँच की दरम्यानी अवधि में सोसायटी के कार्यकताओ ने साढ़े तेरह हजार बारदानों की व्यवस्था कर उच्चधिकारियों के सहयोग से मामले को दबाने का भरसक प्रयत्न किया जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल को जो स्वयं शिकायत कर्ता है और जिन्होंने स्थल का निरीछण कर प्रशासन के संज्ञान में लाया, उनको बारदानों की भरती पर संदेह हुआ। उन्होंने जाँच अधिकारियो से बारदानों का तौल कराने की मांग की। उनकी मांग पर जब तौल कराया गया,तो सभी बोरो में धान कम पाया गया और करोड़ो रुपयो का घपला सामने आ सका । बारदानो में 20-25 किलो की भर्ती कर गिनती पूरी करने का प्रयास किया गया था। यह भी उल्लेखनिय है,कि मामले पर परदा डालने की हर संभव कोशिश की गयी।इस कोशिश में खरीदी किये गये क्वालिटीयुक्त धान के बोरो में खुले में पड़े सड़े-गले और अमानक धान को मिला कर बारदानों में पेकिंग की गयी थी,जिससे चार करोड़ से अधिक की छति पहुँचायी गयी है।

ज्ञात हो की जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पटेल ने कार्यकर्ताओं की मांग पर पिरदा धान खरीदी सोसायटी में हुई अनिमितताओं के जाँच की मांग की थी जिसकी जांच में गये तहसीलदार पिथौरा एवम उनकी टीम ने अपनी जाँच रिपोर्ट में क्लीन चिट दे दिया था।कलेक्टर ने दुबारा जाँच के आदेश दिए जिसके बाद करोडो का घोटाला उजागर हुआ।





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