news-details

अस्थाई पुलिया में बना जान का खतरा, मेटाडोर गिरते हुए बाल बाल बचा

विकासखण्ड दुर्गूकोंदल के ग्राम पंचायत बांगाचार से मुख्य मार्ग द्वारा प्राथमिक माध्यमिक स्कूल पंचायत भवन कोदापाखा एवं ब्लॉक मुख्यालय को जोड़ने वाली कच्ची सड़क में गांव के समीप लकड़ी का पुलिया है। जो वर्तमान में जानलेवा साबित हो रही है, इस लकड़ी के पुलिया ऊपर से मोटर साइकिल गाड़ी में जाना तो दूर की बात पैदल चलना मुश्किल हो गया है। अस्थाई पुलिया जो कि लकड़ी के बड़े-बड़े गठ्ठो को समस्त ग्राम वासियों द्वारा अपना साधन के लिए आवाजाही बाधित ना हो इस लिए श्रमदान करके बनाए हैं, जो वर्तमान में लकड़ी टूट-टूट कर नीचे गिर चुकी है।

अस्थाई पुलिया के ऊपर डाला हुआ मिट्टी मुरूम धंस गई है, इसी अस्थाई लकड़ी के पुल होते हुए इंण्डेन गैस से भरी मेटाडोर क्रमांक सीजी 19 एच 1184 धंस गई, भाग्य ने साथ दिया नहीं तो बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। क्योंकि जमीन से लकड़ी पुलिया की ऊँचाई लगभग 5 से 6 मीटर की है। जो मेटाडोर नीचे गिर जाती तो जान मान की हानि हो सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ जब मेटाडोर इंडेन गैस लेकर बांगाचार गांव होते हुए कोदापाखा मार्ग के लिए निकली और पुलिया में पहुंची तो अचानक लकड़ी का बल्ली टूट गई और मेटाडोर के पीछे के चक्का गड्ढे में गिर गई, जिसे जेसीबी के माध्यम से मेटाडोर को निकाला गया। इस संबंध में बांगाचार ग्रामीण नीलाप बघेल, कमलेश बघेल, शिवप्रसाद, भारत कोमरा, हरीश बघेल ने बताया कि हम गांववासी अपने आवागमन का साधन के लिए अस्थाई लकड़ी का पुलिया हर साल मिलकर बनाते हैं, ऐसा प्रक्रिया लगभग 30 वर्षों से चलता आ रहा है। वर्ष में कभी-कभार दो तीन बार हम ग्रामवासी इस लकड़ी की पुलिया को बनाते हैं। क्योंकि किसी वर्ष अत्यधिक बारिश होती है, जिस कारण से लकड़ी का पुलिया क्षतिग्रस्त हो जाता है और पुलिया में लगी बल्ली लट्ठे टूट कर पानी में बह जाते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि 6 वर्ष पहले एक ट्रैक्टर इसी तरह टूटी हुई पुलिया में फंस गई, जो बाल बाल बची नहीं तो अनहोनी घटना घट सकती थी और मोटर साइकिल सवार इस पुलिया से कई बार गिर कर घायल हो चुके हैं।लकड़ी की पुलिया से गुजरते हुए छोटे-छोटे नन्हे बच्चे प्राथमिक व मीडिल स्कूल में पढ़ने जाते हैं। बरसात के मौसम में लोगों को बच्चों के प्रति काफी भय बना रहता है, इस अस्थाई लकड़ी की पुलिया के संबंध में ग्राम पंचायत बांगाचार सरपंच सचिव ने बताया कि हमने इस पुलिया निर्माण के लिए कई बार प्रस्ताव विभाग को भेजें हैं, लेकिन आज तक विभाग इसे गंभीरता से नहीं लिया है। इसी पुलिया से होकर पंचायत भवन ब्लॉक मुख्यालय एवं अन्य जगह पर जाते हैं, लेकिन पक्की पुलिया नहीं होने के कारण हमें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमें बरसात के दिनों में ज्यादातर परेशानी झेलनी पड़ती है। पक्की पुलिया नहीं होने के कारण स्कूली बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं एवं गांव में कोई मरीज या अन्य परेशानी होती है तो पुलिया पक्की नहीं होने के कारण गांव तक गाड़ी नहीं पहुंच पाती, जिस कारण से आपात कालीन सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। समस्त ग्रामवासी पंचायत विभाग इस गंभीर समस्या का निदान करने एवं नया पुलिया निर्माण करने की मांग की हैं।






अन्य सम्बंधित खबरें