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विजयवाड़ा से पैदल पहुंचे 15 मजदूर, कहा ज्ञानी में किए परेशान तो पण्डरीपानी में हुआ स्वागत.

आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में काम करने गए झारखण्ड, मध्यप्रदेश, मंडला, कोरिया व शहडोल 15 मजदूर विजयवाड़ा प्रशासन से वापस जाने की परमिशन मांगते हुए परेशान हो गए, जिसके बाद विजयवाड़ा के तहसीलदार के कहने पर अपने घर के लिए पैदल निकल गए, जो धीरे धीरे कांकेर पहुंचे। कांकेर पहुंचने के बाद ज्ञानी चौक में 3 घंटे तक बैठे परेशान होते है, जिन्हे छोड़ने के बाद आगे बढ़ते हुए पण्डरीपानी चौक पहुंचे, उन्हे कर्मचारियों ने ट्रक में बिठाकर आगे लिए रवाना कर दिया।

 मजदूरों के बताएं अनुसार 15 मजदूर अलग-अलग जगहों से निजी कंपनी में काम करने के लिए गए हुए थे, जहां पर अच्छी तरीके से काम कर रहे थे, उसी दौरान कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाऊन शुरू हुआ और कम्पनी काम से बाहर निकाल दी। कम्पनी को छोड़ने के बाद मजदूर अपने घर जाने के लिए प्रशासन के पास गए, जहां पर प्रशासन कोई मदद नहीं कर पाई तो तहसीलदार ने कहा कि तुम्हे कम्पनी ने भी बाहर निकाल दिया है तो अब लिप्ट मांगते हुए अपने घर निकल जाओ, यह बात सुनने के बाद 15 मजदूर 4 मई की सुबह 8 बजें अपने घर के लिए पैदल निकल पड़े, जो धीरे धीरे कर आ रहे थे और 7 मई को ज्ञानी चौक पहुंचे। ज्ञानी चौक में पुलिस कर्मचारियों द्वारा रोककर सवाल जवाब किया गया व 3 घंटे के बाद आगे जाने के लिए छोड़ा गया, जो शाम 5 बजें पण्डरीपानी चौक पहुंचे। चौक में कर्मचारियों ने रोका व सबसे पहले उन्हे पानी पीने के लिए हैण्डपम्प दिखाया व सवाल जवाब किया तो मजदूरों ने सारी जानकारी देते हुए कहा कि हम आज ब्रश नहीं किए है, तो पहले ब्रश कर लेते है फिर जानकारी देंगे, इस पर कर्मचारियों ने एक एक कर जाने के लिए कहां जिससे आधे मजदूर जानकारी देते गए व आधे ब्रश करने के लिए निकल गए और फ्रेश हो गए।

  मजदूरों ने जानकारी देते हुए बताया कि हम तीन दिन भूखे है और रास्ते में रोककर घंटो सवाल जवाब किया जा रहा है, जिससे हम परेशान हो चुके है। यह सुनते हुए कर्मचारी ने सबका नाम नम्बर लिया और उन्हे अपने पास रखे भजिया को खाने के लिए और अपने अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों द्वारा आगे भेजने के लिए कहने पर वे एक खाली ट्रक को रोके और सभी को चाय पिलाने के बाद ट्रक में बिठाकर रायपुर कि ओर रवाना कर दिया, जिससे सभी रायपुर से होकर अपने अपने घर जाने की बात कही।
नागपुर से कोण्डागांव जा रहे थे 4 मजदूर
विजयवाड़ा के मजदूरों की तरह नागपुर से भी 4 मजदूर कोण्डागांव अपने घर जा रहे थे, जिन्हे माकड़ी चौक में रोककर जानकारी लिया गया। जानकारी देने के बाद मजदूर पैदल पण्डरीपानी चौक तक पहुंचे थे, जिन्हे कर्मचारियों द्वारा रोककर जानकारी लिया गया व अपने अधिकारियों को जानकारी दिया गया। जानकारी लेने के बाद तीन मजदूर को एक मेटाडोर में बिठाकर फरसगांव के लिए रवाना किया गया व एक मजदूर को अगली गाड़ी में भेजने की बात कही गई।

कोई मजदूर का नहीं हुआ था जांच

जिले में अलग अलग जगह से पहुंचे मजदूरों को पुलिस कर्मचारियों द्वारा रोकने के बाद पूरा जानकारी लिया गया, जिसमें उन्होने बताया कि उनका कोई जांच नहीं हुआ है, इसकी जानकारी आगे दी गई पर एसडीएम द्वारा उन्हे आगे जाने देने की बात कहने पर उन्हे उनके गनतव्य के लिए रवाना कर दिया गया पर वही कुछ लोगों का कहना था कि इनका कोरोना जांच होना चाहिए था, जो नहीं हो पाया है यदि इनको कोरोना होगा तो ये लगातार आगे कोरोना फैलाते जाएंगे व कोरोना के मरीज बढ़ते जाएंगे।




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