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सोशल मिडिया में चर्चा का विषय बना सरकारी कर्मचारी के वेतन से 30 फीसदी की कटौती, कर्मचारियो ने लिखा मचेगा कोहराम...

सोशल मीडिया में सरकारी कर्मचारियो के कोरोना संकट के चलते 30 फीसदी वेतन कटौती वाले ख़बर पर जम के विरोध हो रहा है खबर कुछ इस तरह से चल रहा है कि, कोरोना संकट के समय छत्तीसगढ़ के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर अब सीधा असर पड़ सकता है. उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 30 फीसदी तक कटौती किए जाने का कठोर फैसला सरकार ले सकती है. हालांकि इस फैसले के बीच राज्य सरकार देश के अन्य राज्यों में लिए गए फैसलों की समीक्षा भी कर रही है.

दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण का फैलाव रोकने के लागू किए गए लॉकडाउन से औद्योगिक उत्पादन ठप्प है. राज्य सरकार के हिस्से आने वाले जीएसटी में भारी कमी आई है, पंजीयन प्रभावित होने से रेवेन्यू की लिक्विडिटी घटी है, बाजार बंद होने का बुरा असर राज्य के रेवेन्यू कलेक्शन में आया है. सरकार को मिलने वाले रेवेन्यू के सारे दरवाजे लगभग बंद के हालात में हैं, यही वजह है कि सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है.

वित्तीय मामलों के जानकार कहते हैं कि कोरोना की वजह से बाजार चौपट होने और सरकार को मिलने वाले रेवेन्यू में बड़ा लाॅस है. इसकी भरपाई करना किसी भी सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसी स्थिति में सरकार, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर सकती है.

इधर तेलंगाना जैसे राज्य उदाहरण है, जिसके कोरोना की वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति खराब होने की दलील देते हुए अपने राज्य में सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती की है.
चर्चा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वेतन कटौती किए जाने के वित्त विभाग के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन विभाग ने अपने अभिमत में यह स्पष्ट कर दिया है कि इसके अलावा कोई दूसरा समाधान फिलहाल सामने नहीं है. वित्तीय संकट के इस हालात में यह फैसला लिया जाना बेहद जरूरी है.

जानकार कहते हैं कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार भी केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में कटौती किए जाने का फैसला ले सकती है. हालांकि पिछले दिनों जब यह सवाल उठा था, तब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक बयान में कहा था कि यह कयास पूरी तरह से झूठे हैं, सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं ले रही है.
ऐसा कर रहे कर्मचारी विरोध

फेसबुक में खबर का स्क्रीनशॉट डालकर कई कर्मचारी इसका विरोध कर रहे है, कर्मचारी लिखते है कि इस फैसले से सरकार उखड़ जाएगी और कोहराम मचेगा. ऐसे समय में जब इस कोरोना महामारी का संकट सबको झेलना पड़ा है, कई लोगों के कारोबार बंद हो गए, कई सड़कों पर आ गए, कई लोगों को ना जाने फिर कब रोजगार नसीब होगा.... ऐसे समय में भी ये कर्मचारी बाज नहीं आ रहे है और सोशल मिडिया में लगतार धमकी दे रहे है, इनमे ऐसे कर्मचारी भी है जिन्हें इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा मिला है, काम पर जाना नहीं पड़ा है, फिर भी पूरा वेतन मिला है. अर्थव्यवस्था की गिरती इस हालत में ऐसे समझदार कर्मचारियों का विरोध समझ से परे है. जबकि अब तक वेतन कटौती होना है या नहीं या पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है. कुछ कर्मचारी तो ऐसे भी है जिनको 1 साल तक वेतन वृद्धि पर रोक लगाना भी हजम नहीं हो रहा है. और ज्ञापन सौंप कर विरोध जाता रहे है.




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