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वार्षिक वेतन वृद्धि कटौती के आदेश को तत्काल वापस ले शासन-छ. ग.टीचर्स एसोसियेशन

वर्तमान समय मे पूरा देश कोरोना कोविड 19 संक्रमण के चलते विषम संकट की दौर से गुजर रहा है।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय संयोजक सुधीर प्रधान एंव विकासखण्ड अध्यक्ष महेंद्र चौधरी जी ने संयुक्त बयान में बताया कि ,इन विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए अपना जीवन दांव में लगाकर प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी अपने कर्तब्यों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं ,उसमें हमारे शिक्षक समुदाय भी सम्मिलित हैं,ऐसे समय मे राज्य सरकार की ओर से वार्षिक वेतन वृद्धि कटौती करने के आदेश से मनोबल गिर रहा है व हतोत्साहित हो रहे हैं जो कि अन्यायपूर्ण है ,पूर्व में शिक्षकों ने अपना एक दिन का वेतन भी मुख्यमंत्री राहत कोष में देकर संकट से निपटने के लिए सहानुभूति पूर्वक अपनी सहायता प्रदान की है।

ज्ञात हो कि इस क्षेत्र में जिन शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गयी है उनके लिए 50 लाख की बीमा व प्रत्येक 6 माह में दिए जाने वाले महंगाई भत्ते भी लंबित हैं ,ऊपर से यह कटौती का आदेश पूर्णतःअनुचित है ,जिसका छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन विरोध दर्ज करता है ।एसोसिएशन के प्रांतीय निर्णय /आव्हान पर 30 मई को प्रांतीय संयोजक सुधीर प्रधान के मार्गदर्शन व विकासखण्ड अध्यक्ष महेंद्र चौधरी के नेतृत्व में अनुविभागीय अधिकारी पिथोरा को मुख्यमंत्री व मुख्यसचिव छत्तीसगढ़ शासन के नाम ज्ञापन सौंपकर वेतन वृद्धि कटौती के आदेश को निरस्त करने की मांग की है ,ज्ञापन सौंपने वालों में विजय प्रधान ,गौरीशंकर पटेल ,कौशल साहू ,सम्मेसिंह ठाकुर,अक्षय साहू व लखन धृतलहरे उपस्थित थे।यह जानकारी छ. ग.टीचर्स एसोसिएशन विकासखण्ड पिथौरा के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष नरेन्द्र बोरे ने दी है।




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