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क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोईंग कोविड-19 मरीजों के लिए उपयुक्त ? कहीं उल्टा न पड़ जाए दांव..!

जगन्नाथ बैरागी. रायगढ़ मुख्यालय से महज 12 kmदूरीब पर स्थित लोईंग गांव अपने शांति भाई चारे तथा सेवाभाव के लिए पूरे क्षेत्र में प्रशिद्ध है। बात अगर शिक्षा की हो चाहे महिलाओं द्वारा जिले में शराबबंदी का पहला जन विरोध हो हमेशा चर्चा का केंद्र रहा है।

पूर्व विधायक श्री रोशन लाल अग्रवाल ने इस गाँव को गोद लेकर आम जनता व पूर्वी क्षेत्रवासियों के लिए सभी आवश्यक सेवा हेतु भरकस प्रयास किया गया था।

परन्तु जबसे मेडिकल कालेज (मेकाहारा),रायगढ़ के डीन और सीएमएच ओ डॉ केसरी जी
सीएचसी लोईंग को देख कर कोरोना मरीजों को रखने का विचार किए हैं, इस शांत समझे जाने वाले क्षेत्र में कौतुल एवमं भय का माहौल व्याप्त हो गया है।

आज सभी जनमानस में ये सोच व्याप्त हो गया है कि क्या लोईग का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोविड 19 कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य लाभ के लिए उपयुक्त होगा?

क्या बसाहट /गाँव में जहां लोग निवास करते हैं वहां इस तरह मरीजों को रखना उचित होगा।

जब इस बात की जानकारी हमारे संवाददाता को हुवी उन्होंने जाकर गाव के शिक्षित , बुजुर्गों, युवाओं तथा नेताओं से इस बारे में बात की तो उन्होंने हमें ही कुछ प्रश्न कर डाले जैसे-

प्रशासन और जिला के स्वास्थ्य अधिकारी सीएमएचओ, डीन साहब जिस सीएचसी लोईग की पूछ परख नही करते, ठीक से ताकने -झांकने तक नहीं आते आज दौड़े चले आए...क्योंकि अब उनको अपनी नौकरी जो बचानी है....

जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी, /स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी ये जानकारी भी नहीं रखते कि सीएचसी में पानी की क्या और कैसी ब्यवस्था है ? आज गाव में लगातार दौरा कर रहे हैं।
इससे पूर्व डाँक्टर आते जाते हैं कि नहीं इसका भी संज्ञान लेना कोई अधिकारी उचित नही समझते थे..!

पूर्व विधायक मान रोशन लाल जी के सद्प्रयास से ग्रामीणों के अनुरोध पर सीएचसी उन्नयन के पश्चात चिकित्सकिय ब्यवस्था के लिए लीक से हटकर डाॅ श्रीमती स्निग्धा दास /डाॅ प्रशान्त दास को ब्यवस्था के दृष्टिकोण से एक जगह पदस्थ करवाया गया था तब लोईंग के और क्षेत्र के ग्रामीणों में स्वास्थ्य में प्रति निश्चिन्तता एवमं इलाज के लिए बाहर जाना नही पड़ता था।

परन्तु जैसे ही शासन बदला वही ढाक के तीन पात ,,,पुनः उसी पटरी पर चलने लगी स्वास्थ्य महकमा.....

ग्रामीणों का कहना है कि

नियमतः जहाँ 24 घण्टे सीएचसी खुला रहना चाहिए वहां गेट पर ताले लटकते हैं।नोट:- हमारे संवाददाता द्वारा अभी 2 बजे दोपहर को जब लोईंग स्वास्थ्य केंद्र जाकर देखा गया तो वहां सच मे गेट बन्द होना पाया गया।

जागरूक युवाओं ने बताया कि चिकित्सक ठीक से आते ही नहीं, अगर आ भी जाएं तो बमुश्किल 1 से 2 घण्टे काम कर चले जाते हैं,,केवल चौकीदार के भरोसे रहता है केंद्र।

ओपीडी मरीज भी 50 ,60 से कभी उपर नही जा रहा है..

क्यों आए मरीज ?

डाॅ साहब तो रायगढ़ में हैं अपने क्लिनिक में शहरी लोगों के विकास एवमं इलाज के लिए मौजूद जो हैं।शासन एवमं उच्च अधिकारियों के पास मंथली दान जो पहुंच रहा है..! दवाओं के नाम पर मेडिकल दुकानें जो खुली हैं, कोई मरीज आ भी गया तो रायगढ़ रेफर,,,बचे या कुछ भी हो भगवान भरोसे ,,,ये है स्वास्थ्य विभाग लोईग..!!!

और अब प्रशासन ऐसे में इसे कोविड--19 के मरीजों को रखने का विचार कर रहा है, अगर ऐसी ही स्थिति रही तो कैसे इलाज संभव होगा?
इस ओर प्रशासनिक अधिकारियो को जल्द से जल्द ध्यान आकर्षित करना पड़ेगा।
क्योंकि ऐसे ही झोलमोल चलता रहा तो कोविड-19 के मरीजों के साथ साथ पूरे गाँव वालों के जान के लाले पड़ जाएंगे। इसका जिम्मेदार कौन होगा ?

क्योंकि सरकार के लिए व्यक्ति एक आंकड़ा है परंतु अपने परिवार के लिए व्यक्ति जीवन भरण पोषण का माध्यम है।




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