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कच्चा मकान टूटने के बाद 6 वर्षों से यात्री प्रतीक्षालय में रहने को मजबूर हुआ परिवार, प्रधानमंत्री आवास बनने की देख रहे राह.

मामला पिथौरा जनपद अंतर्गत साईं सराईपाली का है जहां एक परिवार का कच्चा मकान था उस मकान के टूटे लगभग 6 वर्ष हो चुके है. और इसके बाद कुछ भी दूसरा आसरा नही मिलने के कारण अब परिवार यात्री प्रतीक्षालय में रहने मजबूर है.

साईं सराईपाली के जयंत निषाद ने बताया कि उनका परिवार भूमिहीन है और 6 वर्ष पहले उसके घर भारी बारिश के कारण टूट गया, और हालातों के चलते घर नही बना पा रहा है. निषाद ने बताया कि घर के टूटने के बाद उन्हें आसमान के निचे गुजर बसर करना पड़ रहा था. जिसके बाद मजबूरन उन्हें यात्री प्रतीक्षालय का सहारा लेना पड़ा.

उन्होंने बताया कि उनका नाम प्रधानमंत्री आवस के लिस्ट में तो है लेकिन अभी तक स्वीकृति नही मिली हैं, ऐसे करते-करते 6 वर्ष बीतने को है. गांव के सैकड़ो लोगों को आवास मिल चुका है. लेकिन वास्तविक और पात्र हितग्राही को मकान के लिए स्वीकृती नही मिल पा रहा है. अब तक वह अपने आवास बनने के इंतजार में राह ताक रहा है.

निषाद ने बताया कि उनकी 2 लड़कियां भी है जिन्हें जैसे तैसे करके पढा रहा है, मकान नही होने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. देश में भले ही इंदिरा आवस और प्रधानमंत्री आवस के नाम पर करोड़ो घर बनाए जा चुके है. लेकिन आज भी कई वास्तविक हितग्राही ऐसे है जिन्हें अब तह इसका लाभ नही मिल रहा है.

जिले में प्रधानमंत्री आवास में इतनी शिकायत है कि इसका निराकरण होता ही नही है, किसी आवास हियग्राहियो का एक एक वर्ष से रकम नही आया है तो कई गांव के ग्राम पंचायतों में रोज़गार सहायको ने प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मजदूरों के भुगतान को गबन कर लिए है. अगर प्रधानमंत्री आवस से सम्बंधित शिकायत के लिए र कैम्प लगाया जाए तो ना जाने कितने शिकायतें सामने आएगी.




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