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अवैध अतिक्रमण की शिकायत करना पड़ा महंगा ! द्वेष भावना से वन विभाग ने शिकायतकर्ता के काबिज भूमि पर की कार्यवाही !

तुमगांव में वनविभाग क्षेत्र में कक्ष क्रमांक 122 में हो रहे है अवैध अतिक्रमण की शिकायत के बाद द्वेष भावना से वन विभाग ने शिकायतकर्ता के बीज भूमि पर लगे सब्जियों को नष्ट कर दिया है. जिसका महासमुंद वन विभाग के DFO मयंक पाण्डे पर आरोप लगाया गया है.

भूषण साहू ने बताया कि वन विभाग के जंगलों से बिना लीज के पत्थरों को पिछले कई महीनों से निकाला जा रहा है जिसे महासमुन्द और तुमगांव में 1 नग पत्थर को 5 रुपये में बेचा जा रहा है. कुल मिलाकर वन विभाग के जंगलो में पत्थरों का अवैध तरीको से निकालकर कालाबाजारी कर रहा है.

भूषण साहू द्वारा जब इस भ्रष्टाचार की शिकायत रोकने के लिए DFO मयंक पाण्डे और ifs सोमा दास को को उक्त अवैध उत्खनन की शिकायत और वीडियो भेजा जाता है तो उक्त पत्थर गायब हो जाते है. भूषण साहू ने आरोप लगाया है कि कुछ पत्थर खदानो में बिना लीज अवैध तरीके से दिन में 10 ट्रिप पत्थर निकाले जा रहे है.

भूषण साहू ने बताया कि महासमुंद तुमगांव कक्ष क्रमांक 822 ग्राम पंचायत मालीडीही गुरुडीही में लगातार वर्षों से फॉरेस्ट विभाग के लोग पैसा ले-लेकर के जमीन को बेच रहे हैं. पत्थर का अवैध खनन कर रहे हैं.


अवैध अतिक्रमण के मामले का भूषण साहू द्वारा खुलासा करने के बाद होने के बाद वन विभाग द्वारा द्वेष वश उसके बरसों से किये जा रहे भूमि पर लगे सब्जी को नस्ट कर दिए. भूषण साहू ने बताया कि अभी भी अतिक्रमण हो रहा है, उसको छोड़ कर के द्वेष भावना वश दुश्मनी भावना से मेरे बरसों पुराना का बीज भूमि जिसमे मैं खेती करते आ रहा हूं, जहाँ अभी मैंने साग सब्जी बैंगन भटा मिर्ची लगाया था उसे नष्ट कर दिया गया है.

भूषण साहू ने आरोप लगाया कि जिनसे पैसा लेकर अतिक्रमण करवाया जा रहा है उस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है. भूषण साहू ने बताया कि अवैध उत्खनन और अतिक्रमण का वीडियो भेजता हूं तो मेरे ऊपर यह हादसा हो रहा है. वन विभाग के कर्मचारी एके खुम्री ने मुझे जान से मारने की धमकी दी है.

भूषण साहू द्वारा आरोप लगाया गया है कि मामले के खुलाशा होने के बाद द्वेष भावना पूर्वक भूषण साहू के कई वर्षो से काबिज जमीन को खाली करवाया गया.

वहीं इस मामले में DFO मयंक पाण्डेय का कहना है कि वह मेरे एरिया में नही आता है, जो भी कार्यवाही हो रहा है वनविभाग निगम के तरफ से हो रहा है. उसका भी 3 एकड़ कब्जा हटाया गया है इसलिए जबरन का आरोप लगाया जा रहा है. ना ही मैं भूषण साहू को जानता हूं और ना ही मै कभी उससे मिला हूँ. आज तक मेरे भूषण साहू से कोई बात चीत नही हुई है.




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