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लापरवाही के चलते ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही नहीं मजदूरी.

सरायपाली। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को रोजगार मिल सके इसी उद्देश्य को लेकर केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई और योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में तालाब गहरीकरण सहित अन्य रोजगार मूलक कार्य मजदूरों के माध्यम से कराया जाता है। जिससे मजदूरों को रोजगार प्राप्त होता है। लेकिन रोजगार गारंटी योजना के तहत किए गए कार्यों में जब मजदूरी का भुगतान महीनों तक अटक जाता है तब ग्रामीणों को इस योजना का कोई लाभ मिलता नजर नहीं आता है।  ऐसा ही वाकया ग्राम पंचायत भगत सरायपाली में सामने आया है। जहां तालाब गहरीकरण के कार्य में लगे मजदूरों को अभी तक मजदूरी का भुगतान नहीं मिल पाई है। जिससे वे दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर हैं।

सरायपाली जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत भगत सरायपाली इन दिनों काफी सुर्खियों में है। दरअसल यहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम सूखापाली में कराए गए तालाब गहरीकरण के कार्य में मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं किए जाने का मामला सामने आया है। ग्रामीण मजदूर मजदूरी पाने के लिए लगातार सरपंच सचिव से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन मजदूरी उन्हें नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण मजदूरों ने बताया कि उन्हें सुखापाली में कराए गए तालाब गहरीकरण के कार्य पर लगाया गया था और मजदूरी का भुगतान होने अभी तक नहीं किया गया है। जाहिर सी बात है सरपंच सचिव की मनमानी और लापरवाही के चलते ग्रामीणों को मजदूरी नहीं मिल पाया है। महीनों बीत जाने के बाद भी मजदूरी नहीं मिलने से गांव के मजदूरों को रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

वही मजदूरी नहीं मिलने की बात को लेकर सरपंच और सचिव में विरोधाभासी बयान दे रहे हैं। सरपंच प्रतिनिधि तपन पटेल का कहना है कि एक व्यक्ति का ही मजदूरी नहीं मिला है जबकि सचिव का कहना है कि मजदूरों के खाते में राशि आ गई है। लेकिन मजदूरों का कहना है कि उन्हें मजदूरी अभी तक मिली ही नहीं है। मजदूरों का यह भी आरोप है कि सरपंच द्वारा उनका बैंक खाता ले जाया गया है जिससे मजदूरी निकाल लिए जाने का भी उनके द्वारा अंदेशा जताया जा रहा है। बहरहाल शासन द्वारा रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीण मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने और उनके जीवन स्तर को आगे उठाने की कोशिश में लाए गए यह योजना ग्रामीण इलाकों में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।

दरअसल लंबे समय तक मजदूरी नहीं मिल पाने से इस योजना से मजदूरों का मोहभंग होता जा रहा है। लिहाजा इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता देखी जा रही है।




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