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शिशुपाल पर्वत पर युवा मना रहे पिकनिक, कूड़े के ढेर से सौन्दर्यता हो रही समाप्त, शराब के नशे में ले रहे सेल्फी.

शिशुपाल पर्वत एक ऐसा पर्वत जो आकर्षण का केन्द्र रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ इसकी धार्मिक मान्यता भी है. आज की स्तिथि में शिशुपाल पर्वत के मनोरम दृश्य को देखने पहुंचे आए हुए लोग इसे पिकनिक स्पॉट मान कर चल रहे है. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही है (बूढ़ा डोंगर) शिशुपाल पर्वत कई रहस्यों को छिपाकर बैठा है. जिसके पीछे की सच्चाई और कहानी बेहद ही अविश्वसनीय है.

लेकिन हमें आपको बताते हुए दुख हो रहा है कि आज की स्तिथि में शिशुपाल पर्वत के ऊपर क्या हो रहा है. जिस जगह को  और दर्शनीय स्थलों में घोषणा करवाने मांग किया जा रहा है. वहां लोग जाकर मनमाने ठंग से दारू की बोतल, दोना पत्तल और डिस्पोजल और मांस के हड्डियां जगह-जगह फ़ेंक रहें है. जिससे उसकी सौन्दर्यता समाप्त हो रही है.

इतना ही नहीं कुछ लोग बड़े-बड़े बर्तनो और लकड़ी को लेकर ऊपर चढ़ते है और प्राक्रतिक के साथ छेड़छाड़ करते है. ऊपर दर्शनीय स्थल में शराब के सेवन और मांस के सेवन के बाद बोतलो को वहीं फोड़ दिया जाता है, तो कहीं जूठा दोना-पत्तलों का भंडार भरा हुआ है.

हलाकि शिशुपाल पर्वत के उपर कई स्लोगन देखने की मिल जाएगा कि यहाँ गन्दगी ना फैलाएं, बेवहज का कूड़ा कचड़ा ना करे. डस्टबिन का उपयोग करें हालांकि पंचायत द्वारा उपलब्ध डस्टबिन देखने को नही मिलता.

इधर कई युवा हजारो फिट शिशुपाल पर्वत में शराब सेवन करने के बाद सेल्फी लेने के लिए घोडाधार प्रपात के खाई के एकदम नजदीक जाकर सेल्फी लेते हैं. जहां सुरक्षा घेरा भी नही लगा है. जबकि अभी कुछ दिन पहले यहाँ एक दिल दहला देने वाला एक हादसा हुआ था जिसमे घोडाधार के ऊपर से खाई में गिरने से एक युवक की मौत हो गई थी. लेकिन इसके बाद भी लोगो ने कुछ नही सीखा.

बता दें कि शिशुपाल पर्वत इतना ऊपर है कि दिल थामकर ही यहाँ पहुंचा जा सकता है. चुकी आस-पास जाने पर ऊँचाई है कई लोगों को यहाँ पहुँचाने के बाद चक्कर आने लगना शुरू हो जाता है. लोगो का यहाँ सुबह से शाम तक आना-जाना लगा रहता है. लगभग 1 घण्ठे के कठिन चढ़ाई के बाद कठिन रास्तो से होकर ही शिशुपाल पर्वत के ऊपर चढ़ा जा सकता है. भारी बरसात के दिनों में यहाँ फिसलने का डर हमेशा बना रहता है.

लेकिन ऊपर पहुँचते ही शिशुपाल पर्वत का वह नजारा दिखाई देगा जो आपको बाहुबली फ़िल्म की याद दिलाएगा. हालांकि शिशुपाल पर्वत की तुलना किसी फिल्मों से नही करना चाहिए. आपको बता दें की आस-पास के लोगों के मान्यता के अनुसार ये जगह आज भी पूज्यनीय है जहां लोग अपना श्रद्धा भक्ति लेकर जाते है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होंगी की लोग इसे अब अपने अय्यासी का अड्डा बनते जा रहें है.




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