news-details

आरोग्य सेतु एप के उपयोगकर्ताओं की संख्या 16 करोड़ से भी ज्यादा हुई.

देशवासियों की सुरक्षा के लिए एक तरफ आरोग्य सेतु एप में लगातार नए फीचर जोड़े जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अपने इस सुरक्षा कवच पर भी लोगों का भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस एप के अब तक 16 करोड़ से भी ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं। कोरोना महामारी से बचाव के लिए दुनिया का ये सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला एप है। इसके साथ ही ये दुनिया की उन एप की श्रेणी में भी शुमार हो गया है, जिसे इतने कम समय में इतना ज्यादा डाउनलोड किया गया है।

नए फीचर से आरोग्य सेतु बना और प्रभावी

आरोग्य सेतु ने हाल ही में लोगों, व्यापार और अर्थ-व्यवस्था को सामान्य स्थिति में लौटने में मदद करने के लिए एक नई ‘ओपन एपीआई सेवा’ की शुरुआत की है। इस सेवा का फायदा भारत में 50 से अधिक कर्मचारियों के साथ पंजीकृत संगठन और व्यावसायिक संस्थाएं उठा रही हैं।

‘ओपन एपीआई सेवा’ से कोई संगठन अपने कर्मचारियों या किसी अन्य आरोग्य सेतु उपयोगकर्ता की सेहत की स्थिति का पता उनकी डेटा गोपनीयता का उल्लंघन किए बिना लगा सकता है। हालांकि ये काम कर्मचारियों की सहमति से ही हो सकता है।

इसके अलावा आरोग्य सेतु एप के सुरक्षा फीचर के जरिए आपको अब अपने ब्लूटूथ कॉन्टैक्ट के हेल्थ स्टेटस की जानकारी भी मिलती है, जिसके आधार पर आप खुद भी अपना रिस्क असेसमेंट कर सकते हैं। इस सुविधा के जरिए आरोग्य सेतु आपको तारीख, समय और लोकेशन के साथ यह भी बताता है कि आप कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में कितनी देर और कितनी बार रहे।

आरोग्य सेतु के जरिये मिल रही हैं स्वास्थ्य सुविधाएं

कोरोना संकट में बचाव के लिए ये एप सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है। ये सिर्फ़ उपयोगकर्ता को अपने आसपास मौजूद कोविड के खतरों को लेकर अलर्ट ही नहीं करता है बल्कि इसके जरिए सरकार भी बीमार या फिर ईलाज की जरूरत वाले लोगों तक पहुंच रही है। आरोग्य सेतु टीम के मुताबिक इस एप के जरिए सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों ने लाखों लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श और अन्य मदद पहुंचाई है।

आरोग्य सेतु आधारित ब्लूटूथ कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और परीक्षण बहुत ही कुशल और प्रभावी है। इसी तरह,कई अन्य लोगों को सावधानी बरतने और घर में ही आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। इससे कोरोना संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने में मदद मिली और यह संक्रमण की प्रारंभिक पहचान करने में प्रभावी रहा है। इससे यह सुनिश्चित हो सका है कि भारत में मृत्यु दर सबसे कम है।

मैं सुरक्षित,हम सुरक्षित,भारत सुरक्षित’

उभरते हॉटस्पॉट की भविष्यवाणी करने के लिए स्थिति डेटा और अरोग्या सेतु विश्लेषिकी का उपयोग करने वाला आरोग्य सेतु इतिहास (आईटीआईएचएएस) इंटरफ़ेस स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रशासन को आवश्यक एहतियाती कदम उठाने में मदद करने में बहुत प्रभावी रहा है। बीते अगस्त तक 300 मीटर गुना 300 मीटर के बहुत ही छोटे स्तर पर 30,000 से अधिक हॉटस्पॉट की पहचान की गई है, और इससे राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों को अवगत कराया गया है।





अन्य सम्बंधित खबरें