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जिस गांव में विद्युत उपकेन्द्र वहीं नही रहती 24 घण्टे 'बिजली', ग्राम सभा के शर्तो को पूरा नही करने पर दुधीपाली के ग्रामीणों में आक्रोश

बसना शहर, गढ़फुलझर, सलखंड समेत अनेक गांव में दुधीपाली से होती है विद्युत सप्लाई

दिया तले अंधेरा की कहावत दुधीपाली ग्राम में चरितार्थ हो रही है। बतादे कि ब्लाक  मुख्यालय से लगे महज 3 किलो मीटर की दुर पर स्थित ग्राम पंचायत दुधीपाली में 132/33 केवी के उप केन्द्र होने के बावजूद ग्रामीणों को 24 घंटे बिजली के मोहताज है।

ग्रामवासीयों का कहना है कि हल्की बारिश व मौसम खराब होने की स्थिति में सब- स्टेशन से ग्राम दुधीपाली की बिजली काट दी जाती है। कभी-कभी एक से दो दिन तक बिजली गुल रहती है जिससे ग्राम दुधीपाली के ग्रामीण जमकार रोष इसलिए है कि विद्युत विभाग का उपकेन्द्र बनने के बाद भी गांव को ही विद्युत सप्लाई कर पाने से ग्रामीण आक्रोषित है।

ग्राम के प्रफुल साहु ने बताया कि सब-स्टेशन से जुड़े हुए सभी राईस मिलों को 24 घंटे की बिजली की आपुर्ति दी जाती है। वहीं बसना शहर, गढ़फुलझर, सलखंड समेत अनेक गांव में विद्युत सप्लाई किया जा रहा है।

ग्राम के जितेन्द्र त्रिपाठी, प्रफुल्ल साहू, युधिष्ठिर बारिक, सुभाष शर्मा, मनोज बारिक, उग्रेसन सोनी ने बताया कि दुधीपाली सब-स्टेसन के सभी कर्मचारी बाहर से है। एक भी कर्मचारी स्थानीय नहीं है, जबकि ग्राम सभा के प्रस्ताव में शर्तों के अनुसार स्थानीय बेरोजगार/मजदूरों को योग्यतानुसार प्राथमिकता देने की बात कही गई थी। युवाओं का कहना है जिस मार्ग में आवगमन हुआ उक्त मार्ग को छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा बनाया जाना था परन्तु अब तक नही बना।

इसके अलावा गामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रस्ताव में भुखण्ड 10 एकड़ दी गयी थी जबकि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिषन कंपनी लिमिटेड 14 एकड़ भूखण्ड पर कब्जा कर लिया. जिससे गांव में अतिरिक्त घास भूमि न होने के कारण गौठान, चारागाह इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

ग्राम सभा में रखे गए प्रस्ताव में एक भी पूरा नहीं

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड को 17 मार्च 2016 के ग्राम सभा में पांच शर्तो पर मंजुरी दी गयी जिसमें दुधीपाली ग्राम में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति, स्थानीय ग्रामवासी को योग्यतानुसार रोजगार, किसानों के खेतों से होकर गुजरने वाली विद्युत सप्लाई करने पर पूर्व में सुचना देकर उनकी सुविधानुसार विद्युत पोल लगाने व आवागमन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ग्रामवासीयों की जन-धन हानि की पर्याप्त क्षतिपूर्ति के साथ उक्त भूखण्ड का अतिक्रमण हटाये जाने के सबंधं में ग्राम प्रस्ताव रखा गया था लेकिन एक भी पूरा नही किया गया।





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