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बिना कार्य किये राशि का आहरण, आरटीआई के तहत जानकरी मांगने पर उड़ाई जा रही के नियमों की धज्जियाँ

सरायपाली जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत कुसमीसरार में आरटीआई के नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है. ग्रामीणों द्वारा पंचायत से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी देने से पंचायत सचिव बच रहें है जिसकी शिकायत सरायपाली एसडीएम से करते हुए ग्रामीणों ने इसके लिए जिम्मेदार पंचायत सचिव पर कार्रवाई की मांग की है.

कुसमीसरार के ग्रामीण रघुलाल ने बताया कि ग्राम पंचायत कुसमीसरार में बिना कार्य करवाए ही वर्ष 2020-21 में मई माह से जुलाई माह तह लगभग 20 फर्जी बिल वाउचर के माध्यम से करीब 9 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है.

ऑनलाइन माध्यम से ग्रामीणों ने निकली जानकारी जिसके बाद हुआ संदेह.

दरअसल रघुलाल ने कुछ दिन पूर्व सीजी सन्देश डॉट कॉम से संपर्क करते हुए पंचायत में किये गए कार्यों की जानकारी चाहते थे. जिसके बाद रघुलाल को ऑनलाइन कार्यों की जानकारी देखने के लिए एकाउंटिंग ऑनलाइन वेबसाइट के बारें में बताया गया. जिसके बाद रघुलाल ने अपने पंचायत द्वारा किये गए कई कार्यों को ऑनलाइन के माध्यम से देखा.

इसके बाद ऑनलाइन जानकारी देखने पर ग्रामीणों और रघुलाल को संदेह हुआ जिसके बाद ग्रामीणों ने सूचना के अधिकार आवदेन के जरीए पंचायत के आय-व्यय की जानकारी निकालनी चाही. परंतु पंचायत सचिव ने सूचना के अधिकार कानून का पालन न करते हुए ग्रामीणों को सूचना की पंहुच से दूर रखा.

अब ग्रामीण चाहते है कि उनके द्वारा संदेह किये गए बिल पर खर्च की जांच की जाये. एवं कानून तोड़ने वाले सचिव पर कार्रवाई हो. रघुलाल ने बताया कि पंचायत द्वारा बोर खनन, पचरी निर्माण, मोटर पंप, नाली निर्माण के जैसे कई कार्यों के नाम पर फर्जी आहरण किया है.

इस सम्बंध में कुसमीसरार सरपंच ने बताया कि पूर्व कार्यकाल में हुए कार्यो का आहरण किया गया है. वर्तमान सरपंच के अनुसार पूर्व सरपंच और अभी वर्तमान सचिव के द्वारा पछड़ी मरम्मत और अन्य कार्य किया गया था. जिसका भुगतान नही किया गया है बोलकर प्रस्ताव बनाया गया है जिसके आधार पर पैसा निकला है. और कार्य हुआ हैं कि नही मेरे को नही पता, सचिव ही जानकारी दे पाएंगे.

जबकि सचिव से संपर्क फ़ोन करने पर उनका फोन बंद मिला.

सरायपाली जनपद सीईओ डॉ. स्निग्धा तिवारी ने बताया कि जांच अभी चल रही है.




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