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नितिन गडकरी ने असम में देश के पहले मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क की आधारशिला रखी

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और सूक्ष्‍म, लघु एवं मध्‍यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने आज असम के जोगीघोपा में देश के पहले मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क की आधारशिला रखी। 693.97 करोड़ रुपये की लागत वाले इस पार्क से लोगों को सीधी हवाई, सड़क, रेल और जलमार्ग कनेक्टिविटी मिलेगी। इसका विकास भारत सरकार की महत्वाकांक्षी ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत किया जाएगा। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस वर्चुअल समारोह की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ.वी.के. सिंह और रामेश्वर तेली के अलावा असम के मंत्री, सांसद, विधायक और केंद्र तथा राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर असम सरकार, एनएचआईडीसीएल और अशोक पेपर मिल्‍स के बीच जोगीघोपा में भूमि और लॉजिस्टिक में भागीदारी के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर अपने संबोधन में नितिन गडकरी ने कहा कि उनका मंत्रालय देश में 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (एमएमएलपी) विकसित करने की परिकल्पना करता है, जिनमें डीपीआर और व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी एमएमएलपी के लिए एसपीवी का गठन किया जाएगा और प्रत्येक के लिए पेशेवर रूप से योग्य सीईओ को अलग से नियुक्त किया जाएगा। पहला ऐसा एमएमएलपी, एनएचआईडीसीएल द्वारा असम के जोगीघोपा में बनाया जा रहा है, जो सड़क, रेल, वायु और जलमार्ग से जुड़ा होगा। यह ब्रह्मपुत्र नदी से लगी 317 एकड़ भूमि में विकसित किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि निर्माण का पहला चरण 2023 तक पूरा होगा। उन्होंने बताया कि 280 करोड़ रुपये के कार्य पहले ही आवंटित किए जा चुके हैं, जिसमें सड़क निर्माण के लिए 171 करोड़ रुपये, ढांचा खड़ा करने के लिए 87 करोड़ रुपये और रेल लाइन बिछाने के लिए 23 करोड़ रुपये के कार्य शामिल हैं। अगले महीने काम शुरू हो जाएगा। मंत्री ने उम्मीद जताई कि इस परियोजना से राज्य के लगभग 20 लाख युवाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

मंत्री ने कहा कि जोगीघोपा और गुवाहाटी के बीच की 154 किलोमीटर की दूरी को इस खंड पर 4-लेन की सड़क बनाकर कवर किया जाएगा, 3-किलोमीटर की रेल लाइन जोगीघोपा स्टेशन को एमएमएलपी से जोड़ेगी, एक अन्य 3-किलोमीटर की रेल लाइन इसे आईडब्ल्यूटी से जोड़ेगी और नए विकसित रूपसी हवाई अड्डे से आसान कनेक्टिविटी के लिए मौजूदा सड़क को 4-लेन में अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएमएलपी में गोदाम, रेलवे साइडिंग, प्रशीतन गृह, कस्टम क्लीयरेंस हाउस, यार्ड सुविधा, वर्कशॉप, पेट्रोल पंप, ट्रक पार्किंग, प्रशासनिक भवन, रहने और खाने पीने की सुविधाएं, खानपान की जगहें और जल के उपचार का संयंत्र आदि सभी सुविधाएं होंगी।

गडकरी ने बताया कि नागपुर के वर्धा ड्राई पोर्ट क्षेत्र में जेएनपीटी के साथ 346 एकड़ एमएमएलपी के लिए प्रारंभिक रिपोर्ट और मास्टर प्लान तैयार है। पंजाब, सूरत, मुंबई, इंदौर, पटना, हैदराबाद, विजयवाड़ा, और कोयम्बटूर में बैंगलोर एमएमएलपी और संगरूर गोदाम परिसर स्‍थ‍ापित करने के लिए व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार की जा रही है। चेन्नई बंदरगाह के पास एमएमएलपी के लिए डीपीआर बनाया जा रहा है और पुणे और लुधियाना में एमएमएलपी के लिए अध्ययन शुरू हो गया है। अन्य 22 एमएमएलपी अहमदाबाद, राजकोट, कांडला, वडोदरा, लुधियाना, अमृतसर, जालंघर, भटिंडा, हिसार, अंबाला, कोटा, जयपुर, जगतसिंहपुर, सुंदरनगर, दिल्ली, कोलकाता, पुणे, नाशिक, पणजी, भोपाल, रायपुर और जम्मू में प्रस्तावित हैं।

मंत्री ने बताया कि उनके मंत्रालय की असम में 80,000 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य कराने की योजना है। उन्होंने कहा कि 3,545 करोड़ रूपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग के 575 किलोमीटर क्षेत्र के लिए निर्माण कार्य इस वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्‍मीद है। लगभग 15,000 करोड़ रुपये की लागत के राष्‍ट्रीय राजमार्ग निर्माण के कार्यों को अगले वर्ष तक आवंटित किया जाएगा, जबकि 21,000 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए डीपीआर पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीआरआईएफ योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 610 करोड़ रुपये की लागत से राष्‍ट्रीय राजमार्ग के 203 किलोमीटर के क्षेत्र में कार्य कराया जाएगा। मंत्री ने राज्य के विभिन्न सांसदों और विधायकों के द्वारा भेजे गए कई सड़क प्रस्तावों को मंजूरी देने की भी घोषणा की।

गडकरी ने यह भी बताया कि असम में राष्ट्रीय राजमार्गों पर कुल 12 दुर्घटना ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है, जिनमें से तीन में अस्थायी तौर पर सुधार किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 तक ये सभी ब्लैक स्पॉट हटा दिए जाएंगे।

उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मामलों के राज्‍य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए राज्य मंत्री; कार्मिक, सार्वजनिक शिकायतें और पेंशन; परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग के राज्‍य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने उत्‍तर पूर्वी क्षेत्र में विकासात्मक परियोजनाओं को मंजूरी देने में नितिन गडकरी के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि यह गडकरी के प्रयासों से ही संभव हो सका कि आज, हमारे पास इस क्षेत्र में सड़कों का एक व्यापक नेटवर्क है। उन्होंने हमारे लिए अंतर्देशीय जलमार्ग शुरू किया, अब 10 से अधिक जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं, जिनसे लॉजिस्टिक लागत एक चौथाई से नीचे आ जाएगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गडकरी ने विशेष सड़क विकास योजनाओं के माध्यम से जर्जर और टूटी-फूटी सड़कों की समस्याओं को भी हल किया है। उन्होंने कहा, कम कीमत पर प्रभावी परिवहन व्यापार और व्‍यवसाय में वृद्धि करेगा और इससे विशेष रूप से हमारे पूर्वी पड़ोसी देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि एमएमएलपी एक नवीन विचार है और जल्द ही अन्य राज्य भी इस पर अमल करेंगे। मंत्री ने कहा कि कई अनूठी और अभिनव मेगा परियोजनाओं के कारण पूर्वोत्‍तर क्षेत्र देश में विकास के एक मॉडल के तौर पर उभरा है। इससे क्षेत्र में सड़क मार्ग में सुधार हुआ है।

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्‍य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ.वी.के सिंह, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, असम के मंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, चंद्र मोहन पटवारी और फणी भूषण चौधरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।





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