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भारतीय मुद्रा का अपमान क्यों ? और महासमुन्द जिले में क्यो नही हो रही कार्यवाही ? नाराज किसान इस बैंक के खिलाफ कार्यवाही और न्याय पाने के किए पहुँच गया सरायपाली एसडीएम के पास.

महासमुंद जिले के कई क्षेत्र में आज भी लगातार भारतीय मुद्रा विवाद बना हुआ है. बाजार और दुकानों में आज भी सिक्के को लेने में आनाकानी किया जा रहा है. जिले में कई बार सिक्के नही लेने से विवादों की स्थिति भी निर्मित हो रहा है.

कही ना कही और कोई ना कोई बाजार में या दुकानों में सिक्के नही लेने की बात सामने आती रहती है. इसका कारण यह भी है कि जिले में सिक्के नही लेने पर किसी के ऊपर किसी प्रकार की कार्यवाही का होना.

महासमुंद जिले के सरायपली क्षेत्र के जंगलबेडा निवासी प्रार्थी भोजराज चौधरी कुछ दिन पहले भारतीय मुद्रा के इलाके में नही चलने से काफी परेशान है. भोजराज चौधरी ने बताया कि वह अपनी पत्नी के नाम से अंचल में ग्रुप से 25 हजार का लोन लिया है जिसका ईएमआई  अर्थात मासिक भुगतान 1705 रु जमा करना रहता है.

भोजराज चौधरी 29 अक्टूबर 2020 को जब HDFC बैंक सरायपाली पहुंचे. तो बैंक के कर्मचारियो ने भारतीय सिक्के 10 रु., 5 रु., 2 रु. और 1रु. के सिक्के को लेने से इनकार कर दिया. जिसे प्रार्थी द्वारा बैंक मैनेजर को लिखित में मांगने पर मना कर दिया गया. इसके बाद भोजराज चौधरी भारतीय मुद्रा का अपमान एक बैंक के द्वारा किये जाने पर उसके ख़िलाफ लिखित शिकायत एसडीएम सरायपाली कुणाल दुतावात को किया है. और न्याय की मांग की है.

जिले में पहली बार किसी किसान ने बैंक के खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत जुटाई है. अब देखने वाली बात अब यह होगी कि क्या बैंक के खिलाफ कार्यवाही और पीड़ित को न्याय मिल पाएगा ? आखिर जिले में कब तक  भारतीय मुद्रा का अपमान होगा ?

आपको बता दें कि बसना, सरायपाली, पिथौरा और सांकरा में ऐसे कई छोटे-छोटे दूकान है जो अपना ही नया नियम बनाने में लगे हैं. जहाँ लोगों को 1 से 2 रुपये का सामान खरीदना होता है. वहां भी मजबूरन 10 रुपये का नोट लेकर जाना पड़ता है. और बेवजह 10 रुपये की खरीददारी करनी पड़ती है. ऐसे में यदि बैंक भी सिक्के लेने से इनकार करते है तो इन दुकानदारों के हौसले और बुलंद हो जाते हैं. जरुरत है नगर के विभिन्न दुकानों में जाकर पड़ताल करने की, और जो भारतीय मुद्रा का अपमान कर रहा है उसके विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने की.




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