जयंत कर ने किया 13 वीं बार रक्तदान.
एक सबसे अनोखा अनुभव रक्तदान करते आ रहे युवाओं में एक नई पहचान बनाने वाले ग्राम पैकिन, थाना सिंघोड़ा के रहने वाले जयंत कर ने अपने 18 वर्ष होने के बाद रक्तदान करते आ रहे, जिसमे वह आज 13 वाँ रक्तदान किया और अपनी एक नई मिसाल पेश किए। जिसमे लोगों को इनसे प्रेरणा मिल रही हैं, और रक्तदान करने हेतु जागरूक किया जा रहा है।
इस दौरान रक्तदाता जयंत कर ने अपने अनुभव एवं अपनी ऊर्जावान विचार के साथ कहा की लोगों कम से कम एक बार रक्तदान करके देखना चाहिए जिससे मन को शांति एवं स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है, और किसी जरूरतमंद व्यक्ति या मरीज को जब हम मदद करते हैं तो हमें अपने अंदर से एहसास होता हैं कि आपने किसी की जान बचाया हैं।
ये सच में एक "मानवता की पहचान" हैं। इसी से मैं स्वयं आत्म निर्भर और प्रेरणा से रक्तदान करते। आ रहा हूँ। मैं फुलझर ब्लड फाउंडेशन हा हृदय से आभारी हूँ कि मुझे रक्तदान के प्रति जागरूक, एवं नेक कार्य करने को मिल रहा है। मै उन सभी रक्तदान के संचालकों को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ, जो मुझे रक्तदान करने के लिए हमेशा प्रेरित करते। विशेष आभार तनय साहू सर जी एवं सेतराम साहू सर जी जो मुझे सोशल मीडिया पर भी नई पहचान दिए।
रक्तदान पर कुछ लाइन
रक्त दान करके प्रथम , रोकें अपना भार
रोगी को जीवन मिले ,सधे रोग की मार ॥
तेजस्वी काया सदा , रक्त दान से जान ,
हृदय प्रफुल्लित हो भला , बढ़े सदा सम्मान ॥
वीरों में हो वीरता, करें रक्त का दान ।
भारत माँ की माँग यह , सबका हो कल्याण ॥